हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने लुभावने दावे किए, अब तोड़ रहीं हैं वादे चक्कर लगा रहे पॉलिसी धारक

Health insurance companies have made breathtaking claims, now the policy holders are breaking promises
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने लुभावने दावे किए, अब तोड़ रहीं हैं वादे चक्कर लगा रहे पॉलिसी धारक
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने लुभावने दावे किए, अब तोड़ रहीं हैं वादे चक्कर लगा रहे पॉलिसी धारक

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण ने हर वर्ग व हर परिवार को हताश कर दिया है। जिन परिवारों के पास अधिक आय के साधन नहीं हैं, उन्होंने एक मुश्त राशि देकर पूरे परिवार का बीमा कवर करा लिया था कि कभी विपत्ति आए, तो एक बड़ा सहारा उनके पास रहेगा, पर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियाँ उनके विश्वास को तोडऩे में लगी हैं। इंश्योरेंस कंपनियों के एजेंट तो बाकायदा पॉलिसी लेते वक्त वादा करते हैं कि सारी सुविधाएँ मिलेंगी लेकिन जब पॉलिसीधारकों को जरूरत पड़ रही है, तो बीमा कंपनियाँ अपने हाथ खड़े कर रही हैं। मरीजों द्वारा अस्पताल में नकद राशि जमा करने के बाद ही    इलाज हो पा रहा है। मरीज चाहे कोरोना के हों या फिर अन्य बीमारियों के, उन सभी मरीजों को इंश्योरेंस कंपनी की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बीमाधारियों का क्लेम महीनों बाद भी सैटल नहीं किया जा रहा है। बीमित व्यक्ति जब लोकल अधिकारियों से बात करते हैं तो वे दिल्ली, चैन्नई, मुंबई हैड ऑफिस में प्रकरण लंबित होने की बात कहते हुए पीडि़तों को परेशान कर रहे हैं।   
बीमा से संबंधित समस्या बताएँ इन नंबरों पर  
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है, तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा। 
केस.1 - आज तक नहीं किया बिल पास 
मड़ई निवासी अरविंद साहू ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी माँ श्रीमती राजकुमारी साहू घर पर फिसल गई थीं। 27 जून 2020 को जमीन में गिरने से उनका पैर फैक्चर हो गया था। पैर फैक्चर होने के कारण उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल का बिल 1 लाख 10 हजार बना था। नकद भुगतान के बाद पुत्र अरविंद के द्वारा केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में क्लेम किया गया। इंश्योरेंस कंपनी  ने आज तक उनकी माँ के इलाज का बिल सैटल नहीं किया। चक्कर लगाने के बाद भी आज तक उन्हें केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा राहत नहीं दी गई। अरविंद इंश्योरेंस कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों का पत्र लिख चुके हैं पर कोई जवाब नहीं आया। 
केस. 2 - दो लाख के बिल में 37 हजार किए पास..!
एके पचौरी भारती निवासी त्रिमूर्ति नगर अम्बेडकर कॉलोनी ने शिकायत देते हुए बताया कि 25 सितम्बर 2020 को वे कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। उन्होंने एक निजी अस्पताल के कोविड सेंटर में इलाज कराया था। इलाज में उनका 2 लाख रुपए खर्च हुआ था। श्री पचौरी ने अपना हेल्थ इंश्योरेंस स्टार कंपनी से कराया हुआ है। उपचार के दौरान उन्होंने कंपनी को सूचित किया था पर किसी तरह का जवाब नहीं आया। बिल बनने के बाद उनके द्वारा स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में क्लेम किया गया, तो कंपनी ने 37 हजार 5 पाँच सौ रुपए पास किया। उसके बाद वे लगातार कंपनी के अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं पर उनके द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया जा रहा है।  
केस. 3 - आठ माह बाद भी नहीं मिला क्लेम
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से इस आशा के साथ सुधीर केशरवानी ने बीमा कराया था कि परेशानी के दौर में पॉलिसी काम आएगी। सुधीर ने एक शिकायत में बताया कि 25 सितम्बर 2020 को वे कोविड से पीडि़त हो गए थे। निवाडग़ंज गल्ला मंडी निवासी सुधीर उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। वहाँ इलाज के बाद जब वे डिस्चार्ज हुए तो 1 लाख 25 हजार का बिल बना था। उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम किया था पर आठ माह बीत जाने के बाद भी आज तक उनका क्लेम सैटल नहीं किया गया। उन्होंने बीमा करने वाले एजेंट से संपर्क किया लेकिन वह भी सहायता नहीं कर रहा है। उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर से संपर्क किया तो वहाँ से भी उचित जवाब आज तक नहीं मिला।  
इनका कहना है
आज हमारे कार्यालय का अवकाश है। ऑफिस खुलने के बाद ही मैं आपको जानकारी दे पाऊँगा।                          
कुलदीप मिश्रा, ब्रांच मैनेजर स्टार हेल्थ 
 

Created On :   22 April 2021 8:36 AM GMT

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