समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट : वकीलों की स्ट्राइक के कारण 18 मार्च तक टली सुनवाई

समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट : वकीलों की स्ट्राइक के कारण 18 मार्च तक टली सुनवाई

डिजिटल डेस्क, पंचकूला। समझौता एक्सप्रेस धमाका मामले की नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कोर्ट में होने वाली सुनवाई 18 मार्च तक के लिए टल गई है। पंचकूला बार एसोसिएशन की स्ट्राइक के कारण ये सुनवाई टली है। दोनों पक्षों के वकील सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन स्ट्राइक के कारण वह अंदर नहीं जा पाए। इस मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेंद्र चौधरी है।

आरोपी स्वामी असीमानंद के वकील मुकेश गर्ग ने संवाददाताओं से कहा, "सुनवाई आज के लिए निर्धारित थी, हालांकि, पंचकूला के जिला बार एसोसिएशन ने कुछ स्थानीय मुद्दों को लेकर स्ट्राइक कर दी थी। इसके मद्देनजर, अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया और सुनवाई की अगली तारीख 18 मार्च तय कर दी।"

इस मामले की पिछली सुनवाई 11 मार्च को हुई थी। माना जा रहा था कि कोर्ट फैसला सुना सकती है लेकिन कोर्ट ने 14 मार्च तक सुनवाई को टाल दिया था। दरअसल, ब्लास्ट में मारे गए पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद वकील की बेटी राहिला के एडवोकेट मोमिन मलिक ने पाकिस्तान से आए ई-मेल का हवाला देकर चश्मदीदों की गवाही कराने की अपील की थी। इस अर्जी के बाद कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया था। मालूम हो कि एनआइए ने मामले में अब तक कुल 224 गवाहों को पेश किया है, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया है।

बता दें कि करीब 12 साल पहले 18 फरवरी 2007 को पानीपत के पास समझौता एक्सप्रेस में धमाका हुआ था। इसमें 68 लोगों की मौत हुई थी। इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी जिस कारण सभी लोग जिंदा जल गए थे। पुलिस को मौके से दो सूटकेस बम मिले थे जो फट नहीं पाए थे। मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेंद्र चौधरी है। हालांकि कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। 

Created On :   14 March 2019 2:00 PM GMT

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