यहां है अजगरों का अपना संसार - बदलेगी तकदीर, सेंचुरी बनाने का भेजा प्रस्ताव 

Here is the world of pythons - the fate will change, the proposal sent to make a century
यहां है अजगरों का अपना संसार - बदलेगी तकदीर, सेंचुरी बनाने का भेजा प्रस्ताव 
यहां है अजगरों का अपना संसार - बदलेगी तकदीर, सेंचुरी बनाने का भेजा प्रस्ताव 

डिजिटल डेस्क मंडला। पूर्व सामान्य वन मंडल के वन परिक्षेत्र जगमंडल में अजगरों की बस्ती के दिन फिरने वाले है। यहां सेंचुरी बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति के बाद सेंचुरी बनाने की कार्रवाई विभाग के द्वारा की जाएगी। यहां जगमंडल के ककैया में अजगर दादर को देखने के लिए पयर्टक आ रहे है। जानकारी के मुताबिक जगमंडल के ककैया के पास पत्थरों की चट्टाने है। यहां सेकड़ो की संख्या में अजगरों केा डेरा है। अजगर चट्टानों के बीच अपना घर बसाये है। ठंड के समय में अजगर सुबह ठंड के बचने के लिए अजगर चट्टानों से बाहर निकलते है। जिसके कारण ठंड में अजगर को देखने के लिए पर्यटक पहुंच रहे है। नवम्बर माह के बाद यहां पयर्टक  आने लगते है। इसके बाद फरवरी तक पर्यटकों की भीड़ दिन भर रहती है। अजगर दादर पर्यटकों के बीच पहचान बना चुका है। कान्हा नेशनल पार्क आने वाले पर्यटक भी यहां अजगरों की बस्ती को देखने के लिए पहुंच रहे है। यहां चट्टानों पर सुबह बड़ी संख्या में अजगर देखने मिलते है। जिससे पयर्टकों में उत्सुकता रहती है। 
पांच साल पहले मिली पहचान-
यहां अजगर दादर को पांच साल पहले पहचान मिली है। वर्ष 2014 में तात्कालीन रेंजर सुधीर मिश्रा ने सबसे पहले अजगर की बस्ती देखी। इसके बाद यहां लोग अजगर देखने के लिए पहुंचने लगे। धीरे-धीरे अजगर की बस्ती अजगर दादर के नाम से फेमस हो गई। जिसके बाद अब विदेशी पर्यटक भी पहुंचने लगे है। अजगर दादर की पहचान देश दुनिया में बन रही है। 
अभी तक सिर्फ फेसिंग ही हुई-
यहां अजगर दादर में वन विभाग के द्वारा फेंसिंग कराई गई है। इसके अलावा एक बीट गार्ड तैनात कर दिया गया है। जिससे कोई अनहोनी यहां ना हो और अजगरों को भी कोई नुकसान ना पहुंचाये। ईको पर्यटन क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया लेकिन स्वीकृ ति नही मिल पाई। जिसके बाद यहां कोई भी विकास कार्य नही हो पाये है। 
अब फिर सकते है दिन-
अजगर दादर के दिन अब फिर सकते है। अक्टूबर माह में पूर्व सामान्य वन मंडल ने अजगर दादर को सेंचुरी बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यहां सेंचुरी बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा और वन विभाग को भी इसका फायदा मिलेगा। फिलहाल अजगर दादार की प्रसिद्धि बढ़ रही है लेकिन यहां सुविधाओं का विस्तार नही हो पाया है। 
पर्यटकों को हो रही असुविधा-
यहां अजगर दादर पर्यटकों केा पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहुंच मार्ग नही है। ककैया ग्राम के बाद अजगर दादर पहुंचने के लिए ऊबडखाबर पत्थरों के बीच से होकर जाना पड़ता है। यहां सड़क बन जाती तो पर्यटकों को आसानी होती। लेकिन सड़क नही बनने के कारण पर्यटक परेशान हो रहे है। 
इनका कहना है
अजगर दादर को सेंचुरी बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। यहां से स्वीकृति मिलती है तो गाइडलाइन के आधार पर सेेेंचुरी बनाया जाएगा। 
कमल अरोरा, डीएफओ पूर्व सामान्य वन मंडल
 

Created On :   23 Dec 2019 9:22 AM GMT

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