यहां एक ही मंदिर में विराजमान हैं तुलजादेवी-रेणुकादेवी, माताओं का अनोखा संगम

Here Tuljadevi-Renukadevi are seated in the same temple, a unique confluence of mothers
यहां एक ही मंदिर में विराजमान हैं तुलजादेवी-रेणुकादेवी, माताओं का अनोखा संगम
खास बात यहां एक ही मंदिर में विराजमान हैं तुलजादेवी-रेणुकादेवी, माताओं का अनोखा संगम

डिजिटल डेस्क, पैठण, मुफीद पठान। समूचे भारत वर्ष में दो देवी एक ही मंदिर में स्थापित होने का अनोखा संगम मुद्दलवाड़ी में देखने मिलता है। यहां तुलजापुर की तुलजाभवानी और माहूरगढ़ की रेणुका माता की मूर्तियां हैं। ऐसी मान्यता है कि, यदि आप नवरात्र पर्व के सातवीं माल में कोई इच्छा या मनोकामना करते हैं, तो यह मनोकामना जरूर पूरी होती है। इस कारण सप्तमी के दिन यहां भक्तों की काफी भीड़ होती है। इस मेले में दूरदराज से हजारों की संख्या में भक्तगण अपनी मनोकामना लेकर मुद्दलवाड़ी के तुलजादेवी-रेणुकादेवी के दर्शन के लिए आते हैं। पैठण से छह किमी दूर मुद्दलवाड़ी नामक एक छोटा गांव है। माहूरगढ़ की रेणुकादेवी व तुलजापुर के भवानीमाता का यह उपपीठ है। विशेष बात यह है कि,  तुलजादेवी की मूर्ति को तेल का चढ़ाया जाता है, तो माता रेणुका को सेंदूर लगाने की प्राचीन परंपरा चली आ रही है।

नवरात्रोत्सव में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से कड़े कदम उठाए गए हैं। उपविभागीय पुलिस अधिकारी डॉ. नेहुल पाटील के मार्गदर्शन मे एमआईडीसी पुलिस थाना प्रमुख भागवत नागरगोजे, जमादार राहुल बचके, करतारसिंह आदि नजर बनाए हुए हैं। साथ समादेशक जवान की तैनाती की गई है।

मंदिर की विशेषताएं

हेमांडपंथी शैली का निर्माण, भव्य विशालकाय दीपमालाएं पत्थर की शिलाओं के स्तंभों से मंदिर के छत का आकर्षक निर्माण किया गया है। देवी की पूजा-अर्चना के अलावा नवरात्रि में धार्मिक अनुष्ठान पुजारी रविंद्र कुलकर्णी महाराज करते हैं। प्राचीन मंदिर में नवरात्रोत्सव धूमधाम सेे मनाया जाता है। ग्रामीणों के मार्गदर्शन में सरपंच और ग्राम सदस्य, ग्रामविकास अधिकारी अशोक अहिरे परिश्रम कर रहे हैं। मंदिर परिसर विद्युत रोशनी की गई है।

Created On :   29 Sep 2022 3:50 PM GMT

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