चुनाव चिह्न फ्रीज करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की स्थगित

High court adjourns hearing on plea to freeze election symbol
चुनाव चिह्न फ्रीज करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की स्थगित
चुनाव चिह्न फ्रीज करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की स्थगित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में कई दशकों से बड़े राजनीतिक दलों के लिए आरक्षित चुनाव चिह्नों पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर जनहित याचिका में आपत्ति उठाई गई है। मृणाल चक्रवर्ती मामले में  हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका में द रिप्रेजेंटेशन ऑफ पिपल्स एक्ट के सेक्शन 77 और 78 को चुनौती दी गई है। ऐसे में हाईकोर्ट ने पहले यह तय करने का निर्णय लिया है कि, यह याचिका सुनवाई करने लायक है या नहीं। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि, क्या कोई ऐसा व्यक्ति जिसके सीधे तौर पर हित बाधित न हो रहे हों, किसी अधिनियम के प्रावधानों को चुनौती दे सकता है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है।

यह है मामला

याचिकाकर्ता के अनुसार राजनीतिक दलों को मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त श्रेणियों में विभाजित करने की चुनाव आयोग की नीति ही बुरी और गैर संवैधानिक है। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवारों को दलों के लिए आरक्षित चुनाव चिह्न मिलते हैं, जबकि अन्य उम्मीदवारों को अनारक्षित चुनाव चिह्न दिए जाते हैं। ऐसे में जो चुनाव चिह्न किसी खास राजनीतिक दल के पास कई वर्षों से है, वह चुनाव चिह्न उस राजनीतिक दल का ब्रांड लोगो बन जाता है, जिसके कारण उन राजनीतिक दलों को विशेष लाभ मिलता है, जबकि अन्य उम्मीदवारों को चुनाव के 15 दिन पहले चुनाव चिह्न मिलता है। मतदाताओं की स्मृति में नए चुनाव चिह्न कोई खास घर नहीं कर पाते, जिसके कारण चुनाव एक तरीके से असंतुलित होते हैं। द रिप्रेजेंटेशन ऑफ पिपल्स एक्ट के अनुसर मतदाता उम्मीदवारों को चुनते हैं न कि, राजनीतिक दलों को। संविधान के आर्टिकल 99, 100,188 और 189 मंे भी जनप्रतिनिधियों को महत्व दिया गया है न कि, राजनीतिक दलों को। चुनाव के दौरान बैलट या ईवीएम पर उम्मीदवार का नाम और उनका चुनाव चिह्न अंकित होता है। याचिका में प्रार्थना है कि, वे सभी उम्मीदवारों को एक साथ चुनाव चिह्न आवंटित करें। एक ही राजनीतिक दल के टिकट पर अलग-अलग मतदाता क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग चुनाव चिह्न हो।

Created On :   20 Sep 2019 6:19 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story