हाईकोर्ट ने पूछा - नर्मदा नदी के किस प्वॉइंट से माना जाएगा 300 मीटर तक का प्रतिबंधित क्षेत्र

High Court asked - from which point of the Narmada river will be considered a restricted area up to 300 meters
हाईकोर्ट ने पूछा - नर्मदा नदी के किस प्वॉइंट से माना जाएगा 300 मीटर तक का प्रतिबंधित क्षेत्र
 26 नवंबर को होगी अगली सुनवाई हाईकोर्ट ने पूछा - नर्मदा नदी के किस प्वॉइंट से माना जाएगा 300 मीटर तक का प्रतिबंधित क्षेत्र

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि नर्मदा नदी के किस प्वॉइंट से 300 मीटर का प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाएगा। यह बिंदु नर्मदा नदी का तट होगा या फिर उच्चतम बाढ़ का स्तर।  चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने नर्मदा नदी के अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को लेकर चल रही याचिकाओं का दायरा बढ़ाकर प्रदेशव्यापी कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को नियत की गई है। महाधिवक्ता प्रशांत सिंह की ओर से आवेदन दायर कर हाईकोर्ट के पूर्व आदेश में संशोधन करने का अनुरोध किया गया। आवेदन में कहा गया कि हाईकोर्ट के पूर्व आदेश में नर्मदा नदी के उच्चतम बाढ़ स्तर से 300 मीटर के दायरे को प्रतिबंधित क्षेत्र कहा गया है, जबकि 2008 के मास्टर प्लान में नर्मदा नदी के तट से 300 मीटर के दायरे को प्रतिबंधित क्षेत्र बताया गया है। दयोदय ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने तर्क दिया कि नर्मदा नदी में वर्ष  1926 में बाढ़ का उच्चतम स्तर रिकॉर्ड किया गया था। बरगी बाँध बनने के बाद नर्मदा नदी में नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ा जाता है लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। यदि उच्चतम बाढ़ स्तर से 300 मीटर प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाना जाता है तो उसके दायरे में कई बस्तियाँ आ जाएँगी। डिवीजन बैंच ने कहा कि नर्मदा नदी के किस प्वॉइंट से 300 मीटर का प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाए। राज्य सरकार  मास्टर प्लान बनाने वाले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के विशेषज्ञों से इस स्थिति को स्पष्ट कराए। सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अधिवक्ता मनोज शर्मा ने भी पक्ष प्रस्तुत किया। 
 

Created On :   29 Oct 2021 3:05 PM IST

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