बीएमसी का दावा, आधारहीन है कंगना की 2 करोड़ मुआवजे की मांग, हाईकोर्ट ने पूछा - अब तक कितने किसानों तो मिला कर्ज माफी का लाभ

High court asked - how many farmers have got the benefit of debt waiver till now
बीएमसी का दावा, आधारहीन है कंगना की 2 करोड़ मुआवजे की मांग, हाईकोर्ट ने पूछा - अब तक कितने किसानों तो मिला कर्ज माफी का लाभ
बीएमसी का दावा, आधारहीन है कंगना की 2 करोड़ मुआवजे की मांग, हाईकोर्ट ने पूछा - अब तक कितने किसानों तो मिला कर्ज माफी का लाभ

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि महात्मा फुले कर्ज मुक्ति योजना का लाभ अब तक कितने किसानों को मिला है। हाईकोर्ट ने यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी के विधायक आशीष शेलार की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मंगाई है। याचिका में इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है। क्योंकि इस योजना के तहत पिछले साल यानी दिसंबर 2019 में किसानों को कर्ज से राहत देने की घोषणा की गई थी। न्यायमूर्ति के के तातेड व न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ के सामने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र पई ने दावा किया कि कर्ज मुक्ति योजना को प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया गया है। जिससे ज्यादातर किसानों का इसका लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में एक करोड़ के करीब किसान हैं इसमें से 35 लाख लोगों को कर्ज मुक्ति का लाभ मिलना चाहिए था जिनका कर्ज 2 लाख रुपए था। एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ 15 लाख लोगों को योजना का लाभ मिला है। अभी भी बहुत से लोग कर्ज मुक्ति योजना से वंचित है। इस विषय को कई बार विधानसभा में उठाया गया है लेकिन संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है। इसलिए कोर्ट में याचिका दायर की गई है। वहीं अतिरिक्त सरकारी वकील गीता शास्त्री ने कहा कि याचिकर्ता एक विधायक हैं। सूचना के अधिकार के तहत आसानी से उन्हें संबंधित विभाग से सारी जानकारी मिल जाती। दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के आंकड़े न्यूज़ रिपोर्ट पर आधारित हैं। इसलिए सरकार अदालत को बताए कि कितने किसानों को योजना का लाभ मिला है और इस योजना के लागू होने की क्या स्थिति है। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 22 अक्टूबर 2020 तक के लिए स्थगित कर दी। 


आधारहीन है कंगना की 2 करोड़ मुआवजे की मांग- बीएमसी का दावा

मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की दी करोड़ रुपए के मुआवजे से जुड़ी मांग को फर्जी व आधारहीन बताया है। मनपा ने यह हलफनामा कंगना की संशोधित याचिका के जवाब में दायर किया है। याचिका में कंगना ने दावा किया है कि मनपा की उसके बंगले को गिराए जाने की कार्रवाई से उसकी संपत्ति का 40 प्रतिशत नुकसान हुआ है। इसलिए मनपा को दो करोड़ रुपए मुआवजा के रुप में देने का निर्देश दिया जाए। एच पश्चिम वार्ड के अधिकारी की ओर से दायर हलफनामे में दावा किया गया है कि कंगना ने अपने घर में मंजूर प्लान के विपरीत अवैध रुप से बड़े पैमाने पर बदलाव किया है। जिसके तहत शौचालय की जगह केबिन बनाई गई है। कुल 14 अवैध निर्णय हुए है। मनपा ने इस बारे में नोटिस भी जारी किया था। इस संबंध में जब कंगना को अनुमति दिखाने को कहा गया तो उनकी ओर से कोई अनुमति नहीं दिखाई गई। इस लिहाज से मनपा की कार्रवाई पूरी तरह से न्यायसंगत है। मनपा पर दुर्भावना के तहत कार्रवाई का आरोप लगाना गलत है। क्योंकि याचिकाकर्ता ने स्वयं अवैध निर्माण का खंडन नहीं किया है। हलफनामे के अनुसार मनपा ने अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई की है। ऐसे में मुआवजे की मांग का प्रश्न ही नहीं उठता। इसलिए मुआवजे की मांग आधारहीन है। यह याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। 

 
 

Created On :   18 Sep 2020 2:41 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story