एमपीएससी द्वारा चयनित 111 लोगों को नियुक्ति पत्र देने पर लगी रोक

High court ban on giving appointment letters to 111 people selected by MPSC
एमपीएससी द्वारा चयनित 111 लोगों को नियुक्ति पत्र देने पर लगी रोक
हाईकोर्ट एमपीएससी द्वारा चयनित 111 लोगों को नियुक्ति पत्र देने पर लगी रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) द्वारा चयनित किए गए 111 लोगों को नियुक्तिपत्र देने पर रोक लगा दी है। इन सभी लोगों को गुरुवार को यसवंतराव चव्हाण सेंटर में होनेवाले कार्यक्रम में  नियुक्ति पत्र दिए दिए जानेवाले थे। एमपीएससी की ओर से चयनित किए गए 111 लोगों की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग को लेकर आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग(ईडबल्यूएस) के तीन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि सामान्य श्रेणी से नौकरी के लिए आवेदन करनेवालों आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग की श्रेणी में नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद 111 लोगों को नियुक्तिपत्र देने पर रोक लगा दी। एमपीएससी ने 1143 पदों के लिए लोगों का चयन किया है। लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 111 लोगों को नियुक्तिपत्र देने पर रोक लगाई है। 


गायरान जमीन पर अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

बांबे हाईकोर्ट ने चारागाह जमीन (गायरान जमीन) पर किए गए अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार को 6 दिसंबर तक कोई कार्रवाई न करने को कहा है। हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसी जमीन को लेकर जारी की जानेवाली नोटिस का प्रारुप को कोर्ट में पेश करने को कहा है। इसके  साथ ही कार्रवाई से जुड़ा रोडमैप व समय सीमा का ब्यौरा देने को कहा है।  राज्य भर में ऐसी जमीन पर दो लाख 22 हजार 153 अवैध निर्माण है। हाईकोर्ट ने गायरान जमीन पर अतिक्रमण के मुद्दे का स्वतः संज्ञान लिया और उसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान सरकारी वकील ने प्रियभूषण काकडे ने कहा कि कोर्ट के आदेश के तहत राजस्व व वन विभाग ने जरुरी कदम उठाए है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई को लेकर एक कंपोजिट नोटिस तैयार की जाए। इसके साथ ही अब तक जिन लोगों को नोटिस जारी की गई है। उन्हें बुलाकर उनके दस्तावेज भी देखे जाए। इस पहले मामले को लेकर खंडपीठ के सामने एक हलपनामा दायर किया गया। जिसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से जारी होनेवाले निर्देश के तहत अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि कई जमीन में बेघरों के लिए सरकार की ओर से घर बनाने की भी योजना है। 


 

Created On :   1 Dec 2022 9:59 PM IST

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