कुत्तों को खाना खिलाने वालों पर लगे जुर्माने पर लगाई रोक 

High Court bans fines imposed on those who feed dogs
कुत्तों को खाना खिलाने वालों पर लगे जुर्माने पर लगाई रोक 
हाईकोर्ट कुत्तों को खाना खिलाने वालों पर लगे जुर्माने पर लगाई रोक 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश कहा है कि हाउसिंग सोसायटी के सदस्य चिन्हित क्षेत्र में कुत्तों को खाना खिला सकते है। इसके साथ ही कोर्ट ने कुत्तों को भोजन देने पर सोसायटी सदस्यों पर लगाए गए जुर्माने की राशि न भरने पर सोसायटी को कड़ी कार्रवाई करने से भी रोक दिया है। अवकाशकालीन न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि सोसायटी का एक समूह आवारा कुत्तों को सोसायटी परिसर में खाना खिलाना चाहता है जबकि दूसरा समूह इसे सोसायटी के पांच हजार लोगों के लिए एक बाधा व परेशानी के रुप में देखता है। खंडपीठ ने कहा कि हमारे मतानुसार यह मामला सोसायटी के रहिवासियों को आपसी सहमति से सुलझाना चाहिए। यदि यह मामला आपसी सहमति से नहीं सुलझता है तो फिर कानून के हिसाब से अदालत हस्तक्षेप करेगी। खंडपीठ ने इस मामले में अदालत के सहयोग के लिए अधिवक्ता नौसर कोहली को न्यायमित्र के रुप में नियुक्त किया है। इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा है कि इस मामले में जारी किया गया अंतरिम आदेश अगली सुनवाई यानी तीन जनवरी 2022 तक जारी रहेगा। कोर्ट में सोसायटी के सदस्यों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है।

मामला नई मुंबई इलाके के 50 एकड़ में फैले  एनआरआई काम्प्लेक्स से जुड़ा है। यहां के सोसायटी मैनेजमेंट ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के चलते परिसर में होने वाली गंदगी के आरोप में सोसायटी के कई सदस्यों को जुर्माने के नोटिस भेजे हैं।  कुछ महीने पहले सोसायटी ने सदस्यों को नोटिस भेजकर चेतावनी दी गई थी कि वे जिन कुत्तों को खाना खिलाते हैं उनके देर रात भौंकने, किसी को डराने या काटने और गंदगी फैलाने पर 5 हजार रुपए से 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। सोसायटी के फैसले व सोसायटी की ओर से भेजी गई नोटिस को गैर कानूनी बताते हुए शर्मिला शंकर व अन्य ने अधिवक्ता सिद विद्या के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 

याचिका में मुख्य रुप से मांग की गई है कि नई मुंबई महानगरपालिका आयुक्त व सिडको के प्रबंध निदेशक को सोसायटी परिसर में अलग-अलग श्रेणी के कुत्तों के लिए सात क्षेत्र निश्चित करने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही संबंधित प्राधिकरण को सोसायटी की ओर से जारी परिपत्र की वैधता को लेकर दिए गए निवेदन पर निर्णय लेने को कहा जाए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया मामले में दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाए। याचिका में राज्य के पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में जरुरी परिपत्र जारी करने की भी मांग की गई है। जिससे डॉग मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जा सके और प्राणियों के संरक्षण से जुड़े कानून को कड़ाई से लागू किया जा सके। इस विषय पर हाउसिंग सोसायटी के लिए जागरुकता कार्यक्रम करने के लिए भी कहा जाए। 
 

Created On :   30 Dec 2021 6:56 PM IST

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