हाईकोर्ट ने ई-वे बिल के 22 लाख के टैक्स और पैनाल्टी को 1 हजार में बदला

High court changed tax and penalty of 22 lakhs of e-way bill to 1 thousand
हाईकोर्ट ने ई-वे बिल के 22 लाख के टैक्स और पैनाल्टी को 1 हजार में बदला
हाईकोर्ट ने ई-वे बिल के 22 लाख के टैक्स और पैनाल्टी को 1 हजार में बदला

कहा 8 ई-वे बिल में  एड्रेस की मामूली चूक टैक्स चोरी नहीं
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि ई-वे बिल में एड्रेस की मामूली चूक को टैक्स चोरी नहीं माना जा सकता है। इस अभिमत के साथ चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा ई-वे बिल में गलत पते के आधार पर लगाई गई 22 लाख रुपए के टैक्स और पैनाल्टी को जीएसटी के 18 सितंबर 2018 के सर्कुलर के अनुसार करने का आदेश दिया है। सर्कुलर के अनुसार यह पैनाल्टी एक हजार रुपए है। 
मुंबई से कटनी जाना था माल, पते में मुंबई ही लिख दिया - कटनी की एक कंपनी ने टनल बोरिंग के पाट्र््स खराब होने पर कंपनी की पेरेंट कंपनी अमेरिका से इसके पाट्र््स बुलाए थे। मुंबई बंदरगाह पर इसके लिए कस्टम क्लियरेंस हुआ और पूरा टैक्स चुकाया गया, लेकिन जब ट्रक से माल मुंबई से कटनी में आना था, तो ई-वे बिल जो जारी हुआ, उसमें पाट्र््स पाने वाले का नाम, पता मुंबई का ही लिखा गया। हालाँकि ई-वे बिल में माल पहुँचने की दूरी 1200 किमी, जो कटनी तक की दूरी है, वह डली थी। विभाग के अधिकारी ने गलत पते की बात को क्लेरिकल गलती नहीं माना और 22 लाख रुपए की टैक्स और पैनाल्टी लगा दी। इस मामले में ज्वाइंट कमिश्नर के समक्ष अपील की गई, लेकिन अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। 
प्रदेश में ई-वे बिल को लेकर पहला निर्णय - याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक ध्यानी ने बताया कि वर्तमान में छोटी-छोटी तकनीकी त्रुटि के आधार पर जीएसटी एक्ट की धारा 129 के तहत पैनाल्टी की कार्रवाई की जा रही है। ई-वे बिल को लेकर यह मप्र  हाईकोर्ट का पहला निर्णय है।  इस निर्णय से व्यापारियों को मामूली चूक पर लगने वाले भारी भरकम टैक्स और पैनाल्टी से राहत मिलेगी।
 

Created On :   3 March 2021 2:06 PM IST

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