अविवाहित महिला को गर्भपात के लिए सशर्त अनुमति, मेडिकल बोर्ड ने नहीं दी थी मंजूरी 

High court gave conditional permission to an unmarried woman for abortion
अविवाहित महिला को गर्भपात के लिए सशर्त अनुमति, मेडिकल बोर्ड ने नहीं दी थी मंजूरी 
हाईकोर्ट अविवाहित महिला को गर्भपात के लिए सशर्त अनुमति, मेडिकल बोर्ड ने नहीं दी थी मंजूरी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गर्भनिरोधक की विफलता के चलते गर्भवती हुई एक अविवाहित कामकाजी महिला को 27 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की सशर्त अनुमति दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि यदि डाक्टरों की राय हो कि गर्भपात के समय महिला का बच्चा जीवित पैदा नहीं होगा तो ही भ्रूण का गर्भपात किया जाए। महिला ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह अविवाहित कामकाजी महिला है। उसने सहमति से संबंध बनाए थे किंतु गर्भनिरोधक उपकरण की विफलता के चलते वह गर्भवती हो गई है। उसकी माली हालत इतनी अच्छी नहीं है कि वह अपने बच्चे की परवरिश कर सके। ऐसे में यदि उसे अपने अनचाहे भ्रूण को जन्म देने के लिए मजबूर किया जाएगा तो इससे उसे गहरी मानसिक पीड़ा व आघात का सामना करना पड़ेगा। चूंकि वह अविवाहित है, इसलिए उसे बच्चे को जन्म देने के बाद सामाजिक कलंक को भी झेलना पड़ेगा। इसलिए उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए। 

न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति आर.एन लद्धा की खंडपीठ ने महिला की याचिका पर गौर करने के बाद उसे जांच के लिए  मेडिकल बोर्ड के पास भेजा। मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया कि महिला के भ्रूण में कोई विसंगति नहीं है। चूंकि भ्रूण 27 सप्ताह का हो गया है, इसलिए गर्भपात के चलते महिला की जान को जोखिम हो सकता है। इसके अलावा भ्रूण के जीवित पैदा होने की भी संभावना है। ऐसे में बच्चे की देखरेख के लिए मां की जरुरत होगी। क्योंकि अपरिपक्व शिशु काफी छोटा होगा। रिपोर्ट में मनोवैज्ञानिक ने कहा था कि बच्चे को जन्म देने से महिला की सेहत पर विपरीत असर पड़ेगा। चूंकि भ्रूण 27 सप्ताह का है इसलिए महिला को गर्भावस्था को जारी रखने की सलाह दी जाती है। 

इस रिपोर्ट पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि महिला गर्भधारण उपकरण की विफलता के चलते गर्भवती हुई है और वह अविवाहित है ऐसे में हम बेहिचक उसे गर्भपात की अनुमति दे देते। हम बच्चे को जन्म देने से महिला को होनेवाली पीड़ा को लेकर भी समझते है किंतु हम अपरिपक्व शिशु के जन्म से जुड़ी राय को लेकर भी चिंतित हैं। क्योंकि ऐसे शिशु की देखरेख के लिए मां की लंबे समय तक जरुरत होती है। इसलिए हम महिला को सशर्त गर्भपात की अनुमति देते हैं। जिसके तहत यदि डाक्टरों की राय हो कि गर्भपात के समय महिला का बच्चा जीवित पैदा नहीं होगा तो ही भ्रूण का गर्भपात किया जाए।  

Created On :   18 Sept 2022 3:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story