- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- बुलेट परियोजना के लिए मिली 20 हजार...
बुलेट परियोजना के लिए मिली 20 हजार मैंग्रोव वृक्ष काटने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन (एनएचएसआरसीएल) को ठाणे व पालघर जिले में 20 हजार के करीब मैंग्रोव के पेड काटने की अनुमति प्रदान कर दी है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ ने मैंग्रोव काटने की अनुमति को लेकर एनएचएसआरसीएल की ओर से किए गए आवेदन को मंजूर कर लिया। हाईकोर्ट के साल 2018 के आदेश के बाद राज्यभर में कोर्ट की अनुमति के बिना मैंग्रोव के काटने पर रोक लगा दी गई थी। इसलिए किसी भी सार्वजनिक परियोजना के लिए कोई भी प्राधिकरण हाईकोर्ट की अनुमति के बिना मैंग्रोव को नहीं काट सकता है। हाईकोर्ट के साल 2018 के आदेश के अनुसार जिस क्षेत्र में मैंग्रोव है वहां के 50 मीटर के क्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता है वहां पर किसी प्रकार के मलबे को भी नहीं गिराया जा सकता है। इसके मद्देनजनर एनएचएसआरसीएल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में एनएचएसआरसीएल ने कहा था कि वह जितने मैंग्रोव के वृक्ष गिराएगी उसके पांच गुने मैंग्रोव के पेड़ लगाएगी। एनएचएसआरसीएल की इस याचिका का बांबे इनवारमेंटल एक्शन ग्रूप नामक गैर सरकारी संस्था ने विरोध किया था। गैर सरकारी संस्था के मुताबिक मैंग्रोव काटने के एवज में दोबारा लगाए जानेवाले मैंग्रोव के पेड़ों के जीवित रहने की क्या संभावना है इसको लेकर एनएचएसआरसीएल ने कोई अध्ययन नहीं किया है। मैंग्रोव को काटने पर पर्यावरण पर पड़नेवाले प्रभाव का भी मूल्यांकन नहीं किया गया है। इसलिए मैंग्रोव को काटने की अनुमति न दी जाए। किंतु खंडपीठ ने एनएचएसआरसीएल की याचिका को मंजूर करते हुए उसे मैंग्रोव के पेड़ काटने की काटने की इजाजत दे दी। 508 किमी लंबे बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरा होने के बाद मुंबई से अहमदाबाद की दूरी ढाई घंटे में पूरी की जा सकेगी।
Created On :   9 Dec 2022 9:09 PM IST