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हाईकोर्ट : सभी जिलों में मैरिज रजिस्ट्रार नियुक्ति पर विचार कर रही सरकार, मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर-प्रोफेसर का तबादला रद्द
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि मंत्रालय में ईसाई समुदाय के लोगों के विवाह पंजीयन के लिए रिक्त पड़े मैरिज रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति कर दी गई है। जबकि राज्य सरकार अन्य जिले में ऐसे रजिस्ट्रार की नियुक्ति के विषय में विचार कर रही है। मंत्रालय में फरवरी 2020 से मैरिज रजिस्ट्रार का पद रिक्त था। जिसे भरे जाने की मांग को लेकर वसई निवासी एलेन कूसर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि मैरिज रजिस्ट्रार का पद रिक्त होने के चलते ईसाई समुदाय के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। न्यायमूर्ति ए.ए सैय्यद की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने कहा कि मंत्रालय में एल.जे सिकेरा की नियुक्ति मैरिज रजिस्ट्रार के रुप में की गई है। जबकि राज्य सरकार जिलों में मैरिज रजिस्ट्रार नियुक्त करने के बारे में विचार कर रही है। इस बारे में याचिकाकर्ता चाहे तो अपने सुझाव दे सकते हैं। सरकारी वकील ने कहा कि मंत्रालय में मैरिज रजिस्ट्रार की नियुक्ति के चलते याचिकाकर्ता की एक मांग पूरी हो गई है। खंडपीठ ने अब याचिका पर 12 मार्च 2021 को सुनवाई रखी है।
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर-प्रोफेसर का तबादला हाईकोर्ट ने किया रद्द
वहीं बांबे हाईकोर्ट ने मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय (डीएमईआर) के निदेशक डॉक्टर टी.पी. लहाने की ओर से जेजे अस्पताल व ग्रांट मेडिकल कालेज के एक वरिष्ठ डाक्टर तथा प्रोफेसर के तबादले से जुड़े आदेश को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने डाक्टर के लहाने के आदेश को नियमों के विपरीत माना है और इस मामले में महाराष्ट्र प्राशाकीय न्यायाधिकरण के आदेश को कायम रखा है। डॉ लहाने ने कोरोना काल के दौरान ड्यूटी पर अनुपस्थिति के आधार पर जेजे अस्पताल के डा अशोक आनंद को आंबेजोगाई के एसआरचीआर मेडिकल कालेज में प्रतिनियुक्ति पर भेजा था। डा लहाने की ओर से इस सिलसिले में 5 अगस्त 2020 को जारी आदेश को डाक्टर आनंद महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण(मैट) में चुनौती दी थी। मैट ने इस मामले में डाक्टर आनंद को राहत प्रदान की थी। मैट के इस आदेश को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि महामारी अधिनियम के तहत निदेशक लहाने ने अपने अधिकारों के तहत डाक्टर आनंद को जनहित व प्रशासकिय जरुरत के चलते अंबेजोगाई के मेडिकल कालेज में अंशकालिक समय के लिए प्रतिनियुक्ति के लिए भेजा है। क्योंकि डाक्टर आनंद कोरोना जैसी संकट की घड़ी में जेजे अस्पताल में मार्गदर्शन के लिए मौजूद नहीं थे। ऐसे में निदेशक डाक्टर लहाने की ओर से जारी किया गया आदेश उचित है। उधर डॉक्टर आनंद की वकील ने राज्य सरकार की याचिका का विरोध किया। उन्होंने मैट के आदेश को न्यायसंगत बताया और कहा कि मेरे मुवक्किल का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वे ड्यूटी पर नहीं थे। । मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने मैट के उस आदेश को सही मना जिसके तहत निदेशक डाक्टर लहाने की ओर से जारी किए गए आदेश को खारिज किया गया था। खंडपीठ ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में डाक्टर आनंद को उनकी पोस्ट पर वापस लेने के लिए कहा है।
Created On :   2 Feb 2021 10:16 PM IST