संजय राऊत के खिलाफ हाईकोर्ट ने दिया जांच का आदेश, 24 जून तक पेश करनी होगी रिपोर्ट 

High court ordered inquiry against Sanjay Raut, Report to be submitted by June 24
संजय राऊत के खिलाफ हाईकोर्ट ने दिया जांच का आदेश, 24 जून तक पेश करनी होगी रिपोर्ट 
संजय राऊत के खिलाफ हाईकोर्ट ने दिया जांच का आदेश, 24 जून तक पेश करनी होगी रिपोर्ट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत और अलग हो चुके पति के इशारे पर 36 वर्षीय महिला का कुछ लोगों द्वारा लगातार पीछा करने और परेशान करने के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई करते हुए मंगलवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि इस मामले की जांच कर 24 जून तक रिपोर्ट पेश करें।  

पेश से मनोचिकित्सक महिला ने इसी साल फरवरी में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया था कि राऊत और उसके पति के इशारे पर कुछ लोग लगातार पीछा कर उसे परेशान कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की वकील आभा सिंह ने अदालत में कहा कि याचिका दाखिल करने के बाद महिला को एक असंज्ञेय अपराध के मामले में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने महिला पर फर्जी तरीके से पीएचडी की डिग्री हासिल करने का आरोप लगाया है और वह 10 दिन से जेल में है। सिंह ने कहा कि याचिका के बाद पुलिस लगातार दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्रवाई कर रही है।

इस पर अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी के मामले में अलग से याचिका दाखिल की जा सकती है। अदालत ने महिला की शिकायत पर ध्यान देने और उसका उचित हल निकालने के निर्देश भी पुलिस आयुक्त को दिए। महिला ने अपनी याचिका में यह भी बताया है कि साल 2013 से 2018 के बीच उसने मामले में तीन शिकायत की लेकिन किसी पर ध्यान नहीं दिया गया और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। मार्च महीने में मामले की सुनवाई के दौरान राऊत के वकील प्रसाद धाकेफालकर ने दावा किया था कि याचिकाकर्ता राऊत की पारिवार मित्र और बेटी की तरह है। 

महिला की वकील आभा सिंह ने अदालत को मंगलवार को बताया कि याचिका दायर करने के बाद हाल में उनकी मुवक्किल को असंज्ञेय मामले में गिरफ्तार कर लिया गया जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने पीएचडी की नकली डिग्री हासिल की है। उन्होंने कहा, याचिकाकर्ता दस दिन से जेल में है। जब से उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है तब से पूरी पुलिस मशीनरी उनके पीछे पड़ गई है। यह दुर्भावनापूर्ण और बदले के इरादे से की गई कार्रवाई है।’’

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए अलग से याचिका दायर कर सकती हैं। पीठ ने कहा, हम पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वह याचिका में की गई शिकायतों की जांच करें और उचित कदम उठाएं। पुलिस आयुक्त 24 जून को इस मामले में रिपोर्ट दें।

महिला ने याचिका में आरोप लगाया है कि उन्होंने 2013 और 2018 में तीन शिकायतें की थीं लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका पर मार्च में जब सुनवाई हुई थी तब राउत के वकील प्रसाद ढाकेफलकर ने इसका विरोध करते हुए सभी आरोपों से इंकार कर दिया था। उनका कहना था कि याचिकाकर्ता शिवसेना नेता की पुत्री समान है।
 

Created On :   22 Jun 2021 6:04 PM IST

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