हाईकोर्ट ने दिया मालवणी इमारत हादसे की न्यायिक जांच का आदेश, कहा- मनपा क्षेत्र में है अराजकता 

High court ordered judicial inquiry of Malvani building incident
हाईकोर्ट ने दिया मालवणी इमारत हादसे की न्यायिक जांच का आदेश, कहा- मनपा क्षेत्र में है अराजकता 
हाईकोर्ट ने दिया मालवणी इमारत हादसे की न्यायिक जांच का आदेश, कहा- मनपा क्षेत्र में है अराजकता 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मलाड के मालवणी इलाके में हुए इमारत हादसे की न्यायिक जांच के निर्देश दिया है। अदालत ने 24 जून तक जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बुधवार की रात तीन मंजिला इमारत गिरने के चलते 12 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि सात घायल हो गए थे। कोर्ट ने कहा कि यह घटना साबित करती है कि मुंबई के म्यूनिसिपल वार्ड व उससे जुड़े इलाकों में पूरी तरह अराजकता है।  मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि इस घटना से वे आहत हैं। यह हादसा  बेहद पीड़ाजनक है। इसमें कई बेगुनाह बच्चों की मौत हुई है। जिस वार्ड में यह इमारत थी, उस वार्ड के प्रभारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। खंडपीठ ने कहा कि इस साल 15 मई से 10 जून 2021 के बीच इमारत गिरने के चार हादसे हुए हैं। जिसमें 24 लोगों की जान गई है। 

आखिर कितने लोगों का जीवन खत्म होगा

खंडपीठ ने कहा कि आखिर क्या हो रहा है? आखिर कितने लोगों का जीवन समाप्त होगा?  गिरनेवाली किस तरह की इमारतें है?  क्या इन इमारतों को खतरनाक घोषित किया गया था? मुंबई मनपा लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती है। हम इस मामले में वार्ड प्रमुख को जिम्मेदार ठहराएगे। क्योंकि मुंबई की पहली ही बारिश में गिरी इमारत में 8 बच्चों की मौत हुई है। खंडपीठ ने कहा कि मनपा अधिकारियों में अवैध निर्माण को रोकने की इच्छा शक्ति ही नहीं है। यह कुछ नहीं पूरी तरह अराजकता है। खंडपीठ ने कहा कि इस घटना को लेकर जो दर्द हम महसूस कर रहे हैं वहीं दर्द नगरसेवक भी महसूस करें। हम इस बात से स्तब्ध हैं कि यह घटना मानव निर्मित हादसा है। हर मानसून में यह होता है। आखिर इसे रोका क्यों नहीं जा सकता? खंडपीठ ने यह बाते पिछले साल भिवंडी में गिरी इमारत के हादसे से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया था। 

मुंबई की महापौर के बयान पर कोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

इससे पहले खंडपीठ ने मुंबई की महापौर के बयान पर नाराजगी जाहिर की। महापौर किशोरी पेडनेकर ने अपने बयान में कहा था कि मालवणी में हुए इमारत हादसे के लिए एक तरह से हाईकोर्ट का वह अंतरिम आदेश भी जिम्मेदार है, जिसके तहत कोरोना काल में बिल्डिंग को गिराने पर रोक लगाई गई है। खंडपीठ ने मनपा से पूछा है कि महापौर ने यह बयान किस संदर्भ में दिया है। बयान की रिकॉर्डिंग व ट्रांसक्रिप्ट  हमारे सामने पेश की जाए। खंडपीठ ने कहा कि हम इमारत गिरने के मामले में राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे। खंडपीठ ने कहा कि हमने स्पष्ट किया है कि यदि इमारत खतरनाक है तो संबंधित प्राधिकरण कोर्ट में आए। हम 24 घंटे सुनवाई के लिए तैयार हैं। इसलिए हम हैरान है कि मनपा इमारत गिरने के लिए कोर्ट को जिम्मेदार ठहरा रही है। मनपा समय पर कार्रवाई नहीं करती और फिर कोर्ट को जिम्मेदार ठहराया जाता है। 
 

Created On :   11 Jun 2021 7:35 PM IST

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