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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 6 माह के भीतर कर्मचारियों को उनका हक देने के दिए आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । उच्च न्यायालय के कर्मचारियों को 6 माह के भीतर उच्च वेतनमान देने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अंजुली पालो की युगलपीठ ने कहा है कि देश के अन्य उच्च न्यायालयों ने नया वेतनमान वर्ष 2004 में ही दे दिया गया, लेकिन मप्र में वह अब तक लागू नहीं हो सका। युगलपीठ ने संबंधित कमेटी को कहा है कि वो सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद नए वेतनमान के संबंध में आदेश 6 माह के भीतर पारित करे। इस मत के साथ युगलपीठ ने मामले पर सुनवाई 6 माह बाद करने के निर्देश दिए हैं।
मामला राज्य सरकार के पास 27 जून 2015 से लंबित
युगलपीठ ने ये निर्देश हाईकोर्ट में कार्यरत किशन पिल्ले व 108 अन्य कर्मियों की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिए। आवेदकों का कहना है कि नया वेतनमान देने का मामला राज्य सरकार के पास 27 जून 2015 से लंबित है, लेकिन अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाईकोर्ट ने उनकी याचिकाओं पर 28 अप्रैल 2017 को फैसला देते हुए कहा था कि याचिकाकर्ताओं को उनके हक देने पर चार माह के भीतर विचार किया जाए। अदालत द्वारा दी गई समयसीमा बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह अवमानना याचिका वर्ष 2018 में दायर की गई थी। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर, उप महाधिवक्ता प्रवीण दुबे और उच्च न्यायालय की ओर से अधिवक्ता खालिद नूर फखरूद्दीन ने दलीलें रखीं। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अपना विस्तृत फैसला देते हुए याचिकाकर्ताओं को उनका हक 6 माह में देने के आदेश दिए।
Created On :   20 Sep 2019 8:34 AM GMT