हाईकोर्ट : पूनावाला की प्लस सुरक्षा को लेकर सरकार से सवाल, श्मशान भूमि से निकलने वाले धूंए की जांच के भी निर्देश

High Court: Question to the government on plus security of Poonawala
हाईकोर्ट : पूनावाला की प्लस सुरक्षा को लेकर सरकार से सवाल, श्मशान भूमि से निकलने वाले धूंए की जांच के भी निर्देश
हाईकोर्ट : पूनावाला की प्लस सुरक्षा को लेकर सरकार से सवाल, श्मशान भूमि से निकलने वाले धूंए की जांच के भी निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने को विडरोधि टीका बनाने वाले सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस विषय पर पेशे से वकील दत्ता माने ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर बहस करने से पहले याचिकाकर्ता इस बात का ध्यान रखें कि पूरी दुनिया में भारत की एक अच्छी प्रतिष्ठा है। इस तरह की याचिका पर सुनवाई का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है। इस दौरान अवकाशकालीन न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि पूनावाला राष्ट्र की महान सेवा कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने पहले ही पूनावाला को वाई श्रेणी की सुरक्षा दे रखी है। याचिकाकर्ता ने जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग की है। ऐसे में यदि राज्य सरकार को महसूस होता है कि पूनावाला को और सुरक्षा देने की जरूरत है तो वह उन्हें प्रदान कर सकती है। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को याचिका पर जवाब देने को कहा। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि आखिर याचिकाकर्ता के पास इस तरह की याचिका दायर करने का क्या अधिकार है। 

हैनी बाबू को 1 जून तक अस्पताल से छुट्टी न दें

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ब्रीच कैंडी अस्पताल को निर्देश दिया है कि वह भीमा कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले में आरोपी व दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैनी बाबू को 1 जून 2021 तक छुट्टी न दें। इसके साथ ही कोर्ट ने अस्पताल से आरोपी की स्थिति व दिए गए उपचार को लेकर रिपोर्ट भी मांगी है। आंखों के संक्रमण के चलते आरोपी को कोर्ट की अनुमति के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोपी को पिछले साल इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को अवकाशकालीन न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि यदि अस्पताल आरोपी को 1 जून से पहले छुट्टी देना चाहता है तो पहले इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए।

श्मशान भूमि से निकलने वाले धूंए की जांच करे सरकारः हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार व महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड़ को कहा है कि वह श्मशान घाट से निकलने वाले धुए के चलते होने वाले वायु प्रदूषण की जांच करे।क्योंकि कोरोना के चलते लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है और श्मशान भूमि में ज्यादा संख्या में शव पहुंच रहे हैं। 
अवकाशकालीन न्यायमूर्ति ए ए सैय्यद व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद उपरोक्त निर्देश दिया। पुणे की 6 हाउसिंग सोसायटी की ओर से इस बारे में याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि श्मशान भूमि से निकलने वाले धुए के चलते वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। खंडपीठ ने कहा की हम अभी भी शव दहन के लिए परंपरागत तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम चाहते है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धुए को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करे। इस मामले के समाधान के लिए वैज्ञानिक तरीके का इस्तेमाल किया जाए। वहीं बोर्ड़ की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता शर्मीला देशमुख ने कहा कि बोर्ड के चेयरमैन इस मामले में तकनीकी विशेषज्ञ की मदद लेंगे। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। 
उस महिला को सेवा में वापस लो-हाईकोर्ट
इस बीच हाईकोर्ट को बताया गया की पिछले दिनों कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेड की स्थिति की जानकारी देने के लिए जिस महिला ने फोन उठाया था। उसे पुणे महानगर पालिका ने निलंबित कर दिया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि महिला की सेवा बहाली की जाए। हम नहीं चाहते कि हमारे हस्तक्षेप के चलते कोई परेशान हो।पुणे मनपा के वकील ने कहा कि महिला को प्रशिक्षण के लिए 10 से 15 दिन के लिए निलंबित किया गया है। लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसे अनावश्यक रूप से दंडित न किया जाए। 


 

Created On :   27 May 2021 8:31 PM IST

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