लिंग परीक्षण के आरोपी डॉक्टर को HC से मिली राहत

High court relief for doctors accused of performing gender tests
लिंग परीक्षण के आरोपी डॉक्टर को HC से मिली राहत
लिंग परीक्षण के आरोपी डॉक्टर को HC से मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने लिंग परीक्षण के आरोपों के चलते निलंबित किए गए एक चिकित्सा अधिकारी को राहत प्रदान की है। हालांकि हाईकोर्ट ने चिकित्सा अधिकारी प्रभाकर पवार को निलंबन की अवधि का वेतन देने का निर्देश देने से इंकार कर दिया, लेकिन पेंशन के लाभ के लिए चिकित्सा अधिकारी के निलंबन की अवधि को ड्यूटी के रूप में देखने का निर्देश दिया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने लिंग परीक्षण के आरोपों के चलते चिकित्सा अधिकारी पवार को 5 जनवरी 2006 को निलंबित कर दिया था। पवार का निलंबन 21 मई 2012 तक जारी रहा। इस बीच मजिस्ट्रेट कोर्ट ने साल 2010 में डॉक्टर पवार को लिंग परीक्षण से जुड़े मामले में दोषी ठहराते हुए तीन साल के कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के मुताबिक डॉक्टर पवार ने जीवन ज्योति नाम के अस्पताल में लिंग परीक्षण किया था। 

मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ डॉक्टर पावर ने सत्र न्यायालय में अपील की। साल 2011 में सत्र न्यायालय ने डॉक्टर पवार को बरी कर दिया। इसके बाद मई 2012 में डॉक्टर पवार को दोबारा सेवा में ले लिया गया। पवार ने सक्षम अधिकारी के सामने आवेदन दायर कर अपने निलंबन की अवधि को सेवा में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने दावा किया बांबे हाईकोर्ट ने भी मेरे रिहाई के आदेश को सही माना है। सार्वजनिक स्वास्थ्य महानिदेशालय के उप निदेशक के अनुसार डॉक्टर पवार की रिहाई तकनीकी आधार पर हुई है। महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण व महानिदेशालय से राहत न मिलने के चलते 59 वर्षीय सेवानिवृत्त डॉक्टर पवार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 

मामले से जुड़े तथ्यों व कोर्ट के पुराने फैसलों पर गौर करने के बाद जस्टिस अभय ओक व जस्टिस एसके शिंदे की बेंच ने पाया कि अभियोजन पक्ष डॉक्टर पवार पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर पाया। इसलिए उन्हें मामले से बरी किया गया है। बेंच ने तकनीकी कारण के चलते बरी किए जाने की बात को अस्वीकार कर दिया। बेंच ने कहा कि फिलहाल हम सरकार को डॉक्टर पवार को निलंबन की अवधि के दौरान का वेतन देने का निर्देश नहीं दे सकते हैं, लेकिन याचिकाकर्ता की पेंशन तय करते समय उसकी निलंबन की अवधि को सेवा के रूप में देखा जाए। 

Created On :   15 Dec 2018 1:51 PM GMT

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