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हाईकोर्ट ने कहा- फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाए
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने निर्देश दिया है कि निजी स्कूलों में फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाए। डिवीजन बैंच ने इस मामले में निजी स्कूल संचालकों को जवाब देने का भी निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 23 सितंबर को नियत की गई है।
यह है मामला-
यह याचिका जागरूक पालक संघ समिति इंदौर ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि मप्र हाईकोर्ट ने 4 नवंबर 2020 को आदेश दिया था कि जब तक स्कूलों में सभी गतिविधियाँ शुरू नहीं हो जाती हैं, तब तक ट्यूशन फीस ही वसूली जाएगी। निजी स्कूल संचालकों ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए अभिभावकों को फीस संबंधी परेशानी होने पर जिला समिति में जाने का निर्देश दिया है। वहीं दूसरी तरफ सागर के निजी स्कूल संचालकों की ओर से भी फीस वृद्धि को लेकर याचिका दायर की गई है। इस मामले में डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से जवाब माँगा है। निजी स्कूल संचालकों की ओर से अधिवक्ता अमित सेठ पैरवी कर रहे हैं।
फीस जमा करने दबाव बना रहे निजी स्कूल-
अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने तर्क दिया कि निजी स्कूल संचालक फीस जमा करने के लिए बच्चों पर दबाव बना रहे हैं। फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित किया जा रहा है। इसके साथ ही फीस जमा नहीं करने पर बच्चों की टीसी और रिजल्ट नहीं दिए जा रहे हैं। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने निर्देश दिया है कि फीस जमा नहीं करने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाए। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव ने पक्ष प्रस्तुत किया।
Created On :   13 Sept 2021 9:44 PM IST