बीएमएचआरसी के अधिग्रहण पर हाईकोर्ट ने कहा- कोविड-19 ही नहीं, गैस त्रासदी के मरीज भी हैं सरकार की जिम्मेदारी

High court said on the acquisition of BMHRC- patients of gas tragedy are also the responsibility of the government
बीएमएचआरसी के अधिग्रहण पर हाईकोर्ट ने कहा- कोविड-19 ही नहीं, गैस त्रासदी के मरीज भी हैं सरकार की जिम्मेदारी
बीएमएचआरसी के अधिग्रहण पर हाईकोर्ट ने कहा- कोविड-19 ही नहीं, गैस त्रासदी के मरीज भी हैं सरकार की जिम्मेदारी

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करते हुए सीजे ने कहा- इन्दौर, भोपाल और उज्जैन हॉट नहीं हॉटेस्ट स्पॉट, सरकार बताए गैस पीडि़तों के इलाज के क्या हैं इंतजाम
डिजिटल डेस्क  जबलपुर ।
बीएमएचआरसी के अधिग्रहण के मामले पर हाईकोर्ट ने बुधवार को तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सिर्फ कोविड-19 के मरीज ही नहीं, बल्कि भोपाल गैस त्रासदी के मरीज भी उसकी ही जिम्मेदारी हैं। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 20 मिनट तक चली सुनवाई के बाद सरकार को नोटिस जारी किए। कोर्ट ने जानना चाहा है कि गैस पीडि़तों के इलाज के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं? मामले पर अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। गौरतलब है कि यह याचिका  मुन्नी बी (अब स्वर्गीय) और भोपाल ग्रुप फॉर एक्शन की ओर से हाईकोर्ट में ऑनलाइन दायर की गई थी। याचिका में राज्य सरकार द्वारा विगत 24 और 25 मार्च को कोरोना से पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए बीएमएचआरसी अस्पताल का अधिग्रहण को चुनौती दी गई है।  याचिका में आरोप है कि भोपाल गैस पीडि़तों के लिए यह अस्पताल मुआवजे की राशि में से बनाया गया था और अब गैस पीडि़त इलाजरत मरीजों को वहाँ से हटाकर उसे कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित किया जाना अनुचित है। याचिका दायर होने के बाद मुन्नी बी का निधन हो गया, इसलिए युगलपीठ ने उसका नाम याचिकाकर्ता की सूची से हटाने के निर्देश दिए।
बीएमएचआरसी रहे आखिरी विकल्प 7 वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें रखते हुए कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बीएमएचआरसी को आखिरी विकल्प के रूप में रखा जाए। वर्तमान में गैस पीडि़तों को भी इलाज की जरूरत है। अस्पताल के ऊपरी हिस्से में कोरोना मरीजों के इलाज की समानान्तर व्यवस्था सरकार करे, लेकिन निचला तल तो गैस पीडि़तों के लिए सुरक्षित रहना ही चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भोपाल में कोरोना से अब तक 8 मौतें हुई हैं, जिनमें से 5 मरीज गैस त्रासदी के शिकार थे। 
आदेश वापस लेने पर सरकार कर रही विचार 7 वहीं महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने दलील रखते हुए कहा कि अधिग्रहण का आदेश जारी होते समय बीएमएचआरसी में कुल 71 मरीज इलाजरत थे। उनमें  से 67 मरीजों को उनकी सहमति पर डिस्चार्ज किया गया। शेष चार मरीजों का इलाज  जारी था। इनमें से एक महिला वेन्टीलेटर पर थी, परंतु दुर्भाग्य से उसका निधन हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार बीएमएचआरसी के अधिग्रहण संबंधी आदेश को वापस लेने पर विचार कर रही है।
 

Created On :   16 April 2020 3:36 PM IST

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