हाईकोर्ट ने कहा - इस्तेमाल किए गए शब्द सम्मानजनक नहीं लग रहे, इस बात पर संत तुकाराम का दिया हवाला

High Court said - the words used do not seem respectable, Sant Tukaram has been cited on this matter
हाईकोर्ट ने कहा - इस्तेमाल किए गए शब्द सम्मानजनक नहीं लग रहे, इस बात पर संत तुकाराम का दिया हवाला
जुबानी थप्पड़ विवाद हाईकोर्ट ने कहा - इस्तेमाल किए गए शब्द सम्मानजनक नहीं लग रहे, इस बात पर संत तुकाराम का दिया हवाला

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  बांबे हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नारायण द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर इस्तेमाल किए गए शब्दों को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता(राणे) एक जिम्मेदार पद पर बैठे है और उन्होंने जिन शब्दों का प्रयोग किया वे सम्मानजनक नहीं प्रतीत हो रहे है। क्योंकि जिनके लिए याचिकाकर्ता ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है वे भी जिम्मेदार पद पर बैठे है। यह मौखिक टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने शब्दों के महत्व को लेकर संत तुकाराम द्वारा कही गई बातों का भी उल्लेख किया। और कहा कि संत तुकाराम की बातों का आम लोगों के सामजिक जीवन में दिखना अपेक्षित है। आखिर याचिकाकर्ता खुद कोर्ट में आकर यह क्यों नहीं कहते जो बीत गया सो बीत गया।  आगे सभी का सम्मान करना तय हो।जनता को कोई गलत संदेश नहीं देना चाहिए। 

हाईकोर्ट में केंद्रीय मंत्री राणे की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में राणे ने धुले में खुद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने अथवा इस मामले में कड़ी कार्रवाई न करने का निर्देश देने की मांग की है। 23 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री के संबंध में जुबानी थप्पड़ को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर पुलिस ने केंद्रीय मंत्री राणे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 

गुरुवार को यह याचिका न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति एसएम मोडक की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सलाह देना हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं आता है। फिर भी याचिकाकर्ता ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वे सम्मानजनक नजर नहीं आ रहे है। खंडपीठ ने कहा कि हमे अपने युवाओं के सामने एक अच्छा उदाहरण रखने की जरुरत है। राजनीति में यह अक्सर देखने को मिलता है।कोई एक विचाराधारा को मानता है तो कोई दूसरी विचारधारा को अपनाता है। हर किसी की अपनी पसंद न पसंद होती है। लेकिन महाराष्ट्र की एक समृद्ध विरासत है। हम अपेक्षा करते है कि भविष्य में बेहतर भावना दिखेगी। 

खंडपीठ ने एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि अतीत में एक वरिष्ठ नेता मंत्रालय में मोर्चा लेकर आए थे तो तत्कालीन मुख्यमंत्री खुद अपने चेंबर से बाहर आए थे।और फिर वरिष्ठ नेता को अपने चेंबर में लेकर गए थे।यह महाराष्ट्र की समृद्ध परंपरा है। खंडपीठ ने राणे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सतीश माने शिंदे से कहा कि आप महाराष्ट्र के निवासी है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिंदे ने कहा कि इस मामले से जुड़ी याचिका को दूसरी याचिकाओं के साथ संलग्न कर दिया जाए। क्योंकि नाशिक में भी मेरे मुवक्किल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसलिए पुरानी याचिकाओं में जो आदेश दिया गया है वहीं आदेश इसमें दिया जाए। पुरानी याचिकाओं में केंद्रीय मंत्री राणे को राहत मिली हुई है।जिसके तहत पुलिस ने आश्वसत किया है कि वह याचिकाकर्ता के खिलाफ दंडात्मक अथवा कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगी। 

वहीं सरकारी वकील ने कहा कि उन्हें इस मामले में निर्देश लेने के लिए समय दिया जाए। इस पर खंडपीठ ने सरकारी वकील से कहा कि आप राज्य के महाधिवक्ता से बात कर हमे बताए कि क्या पुराने मामले में जो बात कही गई है क्या उसे इस मामले में जारी रखने में कोई नुकसान है। खंडपीठ ने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। 

 

Created On :   22 April 2022 3:51 PM IST

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