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हाईकोर्ट ने कहा - सड़क पर क्यों भीख मांग रहे बच्चे, सरकार दे जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों व महिलाओं के पुनर्वास को लेकर उठाए गए कदमों के विषय में राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने कहा है। इसके साथ ही इस मामले से जुड़ी याचिका में सहयोग के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीस) को पक्षकार बनाने को कहा है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के दौरान टीस के एक प्रतिनिधि को भी उपस्थित रहने का भी निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने पुणे निवासी ज्ञानेश्वर दरवाटकर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त निर्देश दिया। इस दौरान खंडपीठ ने मामले को लेकर सरकार की ओर से दायर किए गए हलफनामे पर असंतोष व्यक्त किया और सरकार को नए सिरे से हलफनामा दायर करने को कहा। खंडपीठ ने कहा कि हलफनामा बाल न्याय कानून के अनुरूप नहीं है। याचिका में मुख्य रूप से महाराष्ट्र प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट 1960 को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है। जिसमें सड़को पर भीख मांगने वाले बच्चों व महिलाओं के पुनर्वास का प्रावधान किया गया है।
याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रतिकूल आर्थिक व सामाजिक परिस्थितियों के चलते बच्चे सड़को पर भीख मांगते नजर आते हैं। यह एक शहर की स्थिति नहीं राज्य के दूसरे शहरों में भी बच्चे सड़को पर भीख मांगते नजर आते हैं। अतीत में कोर्ट की ओर से इस मामले में कई आदेश जारी किए गए हैं। हम उन्हें देखना चाहते हैं। इसके साथ ही टीस का सहयोग भी इसमें कारगर साबित हो सकता है। इसलिए इस मामले में टीस को पक्षकार बनाया जाए। खंडपीठ ने अब याचिका पर सुनवाई 1 दिसंबर 2020 को रखी है।
Created On :   22 Oct 2020 9:53 PM IST