जाति वैधता प्रमाणपत्र की पुष्टि के बिना बेटा अनुकंपा नियुक्ति का हरदार नहीं

High Court - Son not eligible for compassionate appointment without confirmation of caste validity certificate
जाति वैधता प्रमाणपत्र की पुष्टि के बिना बेटा अनुकंपा नियुक्ति का हरदार नहीं
हाईकोर्ट जाति वैधता प्रमाणपत्र की पुष्टि के बिना बेटा अनुकंपा नियुक्ति का हरदार नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जाति वैधता प्रमाणपत्र की पुष्टि के बिना मृत सरकारी कर्मचारी का बेटा अनुकंपा नियुक्ति के लिए हकदार नहीं होगा। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में इस बात को स्पष्ट किया है। मामला नाशिक जिला परिषद में ड्राइवर के तौर पर कार्यरत कर्मचारी से जुड़ा है। जिसकी सेवा के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद कर्मचारी की पत्नी ने सेवा से जुड़े लाभ को जारी करने व बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस वी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसवी मारने की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में महिला ने दावा किया था कि उसके पति की 18 अगस्त 1997 को जिला परिषद में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में ड्राइवर के तौर पर नियुक्ति हुई थी। इस बीच सेवा के दौरान मार्च 2021 में उनका निधन हो गया। याचिका में महिला ने दावा किया था कि पति के निधन के बाद जब उसने पति के सेवा से जुड़े लाभ व बेटे की अनुकंपा नियुक्ति के लिए आग्रह किया तो इस पर विचार नहीं किया गया। जवाब में याचिकाकर्ता(महिला) को बताया गया कि जाति पड़ताल कमेटी ने जाति के गलत नामकरण के चलते उसके पति के जाति वैधता प्रमाणपत्र को अमान्य घोषित कर दिया है। महिला के मुताबिक उसे अपने पति के निधन के बाद अमान्य जाति प्रमाणपत्र के बारे में जानकारी मिली है। इसके साथ उसे अपने पति का नए सिरे से जाति वैधता का प्रमाणपत्र पेश करने के लिए कहा गया। जबकि उसके पति के चचेरे भाई को उसी जाति का वैधता प्रमाणपत्र दिया गया है जिस जाति के उसके पति थे। 

वहीं जिला परिषद की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि बिना पुष्ट जाति वैधता प्रमाणपत्र के मृत कर्मचारी के बेटे को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति नहीं प्रदान की जा सकती है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने व याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने जिला परिषद को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को चार माह के भीतर सेवा से जुड़े लाभ व पेंशन जारी करें। जहां तक बात याचिकाकर्ता के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने की है तो इसके लिए वह जाति वैधता प्रमाणपत्र की पुष्टि के बिना हकदार नहीं हो सकता है। इस तरह से खंडपीठ ने मामले से जुड़ी याचिका को समाप्त कर दिया। 

 

Created On :   6 March 2023 9:23 PM IST

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