हाईकोर्ट का सुझाव - शवों की अंत्येष्टि के लिए करें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

High court suggestion - Should be Use modern technology for cremation of dead bodies
हाईकोर्ट का सुझाव - शवों की अंत्येष्टि के लिए करें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
हाईकोर्ट का सुझाव - शवों की अंत्येष्टि के लिए करें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के चलते बढ़ रही मौत को देखते हुए कहा है कि स्थानीय निकाय श्मशान भूमि में शवों की अंत्येष्टि के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के बारे में विचार करें। ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने पुणे निवासी विक्रांत लटकर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कहीं। याचिका में दावा किया गया है कि शवों की अंत्येष्टि के बाद निकलने वाला धुआ काफी जहरीला होता है। जो मानव स्वास्थ्य के लिए घातक होता है। इससे बडे पैमाने पर वायू प्रदूषण होता है। याचिका के मुताबिक बहुत से श्मशान भूमि की चिमनी तय मानकों के तहत नहीं बनाई गई है। जिससे अंत्येष्टि के बाद निकलने वाला धुंआ ऊपर जाने की बजाय नीचे ही फैलता है। इससे जहां श्मशान घाट के आसपास प्रदूषण बढ़ता है। इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील असीम सरोदे ने कहा कि पुणे के कुछ श्मशान में रोजाना 80 शव आ रहे हैं। 

कोरोना के चलते बढ़ रहा प्रदूषण 

याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि श्मशान भूमि का कामकाज सुचारू व प्रभावी ढंग से होना चाहिए। खास तौर पर मौजूदा माहौल में, ऐसे में जरूरी है कि स्थानीय निकाय देखे की आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से कैसे प्रदूषण को रोका व नियंत्रित किया जाए। खंडपीठ ने इस मामले में पुणे महानगपालिका को याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। 

Created On :   13 May 2021 5:55 PM IST

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