होम्योपैथिक चिकित्सकों की आमुखीकरण कार्यशाला चयनित होम्योपैथिक दवाइयों पर परिचर्चा आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, ए.एन.एम. तथा आशा सहयोगिनी को भी होम्योपैथी चिकित्सा में प्रशिक्षण

Homeopathic Physicians Encouragement Workshop Discussion on Selected Homeopathic Medicines
होम्योपैथिक चिकित्सकों की आमुखीकरण कार्यशाला चयनित होम्योपैथिक दवाइयों पर परिचर्चा आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, ए.एन.एम. तथा आशा सहयोगिनी को भी होम्योपैथी चिकित्सा में प्रशिक्षण
होम्योपैथिक चिकित्सकों की आमुखीकरण कार्यशाला चयनित होम्योपैथिक दवाइयों पर परिचर्चा आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, ए.एन.एम. तथा आशा सहयोगिनी को भी होम्योपैथी चिकित्सा में प्रशिक्षण

डिजिटल डेस्क, जयपुर। 16 अक्टूबर। राज्य सरकार होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को राज्य में कारगर तरीके से विकसित करने के प्रयास कर रही है। राज्य में चल रहे ‘निरोगी राजस्थान’ अभियान के तहत होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का सार्वजनीकीकरण किया जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चयनित होम्योपैथिक दवाइयों तथा इस पद्धति के अनुुभवों पर परिचर्चा के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। होम्योपैथी के योग्य चिकित्सकों ने गहन विश्लेषण कर ब्रोमियम, क्लोरम, ओजोनम, काली ब्रोमियम, काली क्लोरम जैसी दवाइयां इस बीमारी के इलाज के लिए चुनी है। आमुखीकरण कार्यशाला में राज्य के लगभग 250 होम्योपैथी चिकित्सकोंं का परस्पर आपसी संवाद हुआ तथा कोविड-19 के लिए उपयोग की जाने वाली दवाइयाें पर परिचर्चा हुई। कार्यशाला में होम्योपैथिक चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए अपलिफ्टमेंट ऑफ सोसायटी विद हॉलस्टिक एंड होम्योपैथिक एप्रोच (ऊषा) संस्थान की श्रीमती अनुजा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए निरंतन प्रयास कर रहे है। इसी क्रम में उन्होंने पिछले वर्ष दो होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति भी दी थी। श्रीमती अनुजा ने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा का क्षेत्र विस्तृत है और कोरोना महामारी के इस भयावह दौर में होम्योपैथी अपना अलग ही महत्त्व रखती है। आमुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी श्री प्रदीप बोरड़ ने बताया कि मानसरोवर स्थित ऊषा संस्थान आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, ए.एन.एम. तथा आशा सहयोगिनीयों को भी होम्योपैथी चिकित्सा में प्रशिक्षित कर रहा है, ताकि कोविड संक्रमण काल के कठिन दौर में होम्योपैथी चिकित्सा का व्यापक सहयोग लिया जा सके। उन्होंने बताया कि देश भर में राजस्थान ही पहला राज्य है जिसने कोविड संक्रमण काल में होम्योपैथी को विस्तृत मंच प्रदान किया है। कार्यशाला में ऊषा संस्थान के सचिव डॉ. अजय यादव ने जानकारी दी कि हमें होम्योपैथी एप्रोच को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने बताया कि स्वयं उनके द्वारा लगभग 1200 कोविड संक्रमितों को होम्योपैथी दवाइयों से स्वस्थ किया गया है। आमुखीकरण कार्यशाला में आपसी विचार-विमर्श के पश्चात यह विश्लेषण उभर कर आया कि कोरोना महामारी में होम्योपैथी दवाइयां भी कारगार हैं और इनसे मरीज ठीक भी हो रहे हैं।

Created On :   17 Oct 2020 2:04 PM IST

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