शिक्षक का सम्मान मूल्यवान- चतुर्वेदी

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शिक्षक का सम्मान मूल्यवान- चतुर्वेदी
शिक्षक का सम्मान मूल्यवान- चतुर्वेदी

डिजिटल डेस्क, नागपुर । कई बार यह देखा गया है कि अच्छे व्यक्ति का तिरस्कार और बुरे व्यक्ति का सम्मान होता है। आदर्श शिक्षक विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के साथ ही उज्ज्वल राष्ट्र का भी निर्माण करते हैं। शिक्षक का सम्मान मूल्यवान है। यह बात पूर्व मंत्री डॉ. सतीश चतुर्वेदी ने डॉ. गिरीश गांधी फाउंडेशन द्वारा आयोजित स्व. धरणीधर गांधी स्मृति शिक्षक पुरस्कार के अवसर पर कही।

इस पुरस्कार से प्रा. आलोक शेवडे को डॉ. चतुर्वेदी के हस्ते सम्मानित किया गया। अध्यक्षता नीरी के संचालक राकेश कुमार ने की। प्रमुख अतिथि श्यामबाबू सोनी थे। फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत तिडके, स्व. धरणीधर गांधी की पत्नी तुलसीबाई गांधी, नरेन्द्र गांधी, डॉ. प्रमोद गांधी, किशोर बुटले उपस्थित थे। डॉ. चतुर्वेदी ने प्रा. अशोक शेवडे का अभिनंदन किया व कहा कि पर्यावरण विषय पर काम करने वाले प्राध्यापकों की आवश्यकता है। संचालन रेखा दंडिगे ने किया तथा आभार डॉ. श्रीकांत तिडके ने माना।

पानी और हवा का भी व्यवसाय हो रहा
डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि जब वे मंत्री थे, तब पानी का सैंपल लेने की प्रथा नहीं थी। शासकीय दूध कपंनी के सैंपल से शुरुअात की गई। दूध का सैंपल लेने के बाद पता चला कि वह प्रदूषित है। सभी नियम तोड़कर दूध की निर्मिती होती है, यह बात उनके ध्यान में आई। पानी और हवा का भी व्यवसाय किया जाता है। पानी के प्रदूषित होने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा परिणाम होता है। कलमेश्वर से आने वाली सब्जियां नाग नदी नाला के पानी से उगाई जाती हैं, इसलिए हिंगना से सब्जियों का आयात करने की बात सब्जी विक्रेताओं को करने को कहा। खाने का तेल भी शुद्ध नहीं होने से लोगों के स्वास्थ्य पर उसका परिणाम होता है। जिस तरह प्रा. आलोक शेवडे ने पर्यावरण विषय पर काम किया है, वो काबिले तारीफ है। 

यह पुरस्कार नहीं, प्रेरणा 
प्रो. आलोक शेवडे ने कहा कि यह मेरे लिए केवल पुरस्कार नहीं प्रेरणा है। जंगल में घूमते समय घर में क्या हो रहा है, इस बात की मुझको खबर नहीं होती है। मेरे जीवन का ध्येय पर्यावरण पर काम करना है। इसलिए जंगल में घूमते समय अपने ध्येय काे ध्यान में रखता हंू। मेरी बहन ने मुझे कैमरा दिया और मैंने अपनी यात्रा की शुरुआत की। मेरी काम के प्रति जिज्ञासा को देखकर लोगों ने मुझे कई  नाम दिए, लेकिन मैं अपने ध्येय से नहीं भटका।

Created On :   6 Feb 2020 3:16 PM IST

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