सर्दी-जुकाम होने पर हॉस्पिटल की दौड़ सही नहीं, साँस लेने में तकलीफ बढ़े तभी जाएँ अस्पताल

Hospital running is not good due to cold, cold, go to hospital for breathing
सर्दी-जुकाम होने पर हॉस्पिटल की दौड़ सही नहीं, साँस लेने में तकलीफ बढ़े तभी जाएँ अस्पताल
सर्दी-जुकाम होने पर हॉस्पिटल की दौड़ सही नहीं, साँस लेने में तकलीफ बढ़े तभी जाएँ अस्पताल

एक्सपर्ट व्यू - घबराएँ नहीं बल्कि समझदारी दिखाएँ, होमआइसोलेट हैं 6 हजार से ज्यादा मरीज
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
जिस रफ्तार से संक्रमण ने फैलाव किया है उसके आगे इंतेजामात कम पड़ते जा रहे हैं। बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और मेडिकल स्टाफ की कमी होती जा रही है। हालाँकि इसकी एक और भी वजह है। एक्सपट्र््स कहते हैं कि अस्पतालों में पहुँचने वाले ऐसे मरीजों की संख्या भी अच्छी खासी है जो होम आइसोलेशन में भी ठीक हो सकते हैं। जरूरत है संक्रमण को समझने की और लक्षणों के हिसाब से सावधानियाँ बरतने की। कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टरों की सलाह लें और उसके बाद ही अस्पतालों का रुख करें। 
तमाम प्रयासों के बावजूद अस्पतालों की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। होम आइसोलेशन प्रभारी डॉ. अमजद खान कहते हैं कि साधारण कोरोना की स्थिति में मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की कतई जरूरत नहीं होती। अगर ऐसी स्थिति में घबराहट की बजाय थोड़ी सी भी समझदारी दिखाई जाती है तो जरूरतमंद मरीजों को अस्पताल में जरूरी सुविधाएँ मिल सकेंगी और मसला पैनिक भी नहीं होगा। हालाँकि उनका यह भी कहना है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, क्योंकि अलग-अलग मरीजों पर इसका असर भिन्न-भिन्न तरह से देखा गया है। संक्रमण फैलने के बाद हजारों पेशेंट ऐसे हैं जो घर में रहकर ही ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में सरकारी आँकड़ों में 6 हजार से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में हैं और इलाज ले रहे हैं। 
 

Created On :   27 April 2021 2:17 PM IST

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