संक्रमण की दूसरी लहर में रातों-रात खुल गए अस्पताल, दो माह में दोगुने!

Hospitals opened overnight in second wave of infection, doubled in two months!
संक्रमण की दूसरी लहर में रातों-रात खुल गए अस्पताल, दो माह में दोगुने!
संक्रमण की दूसरी लहर में रातों-रात खुल गए अस्पताल, दो माह में दोगुने!

फैक्ट फाइल- फरवरी के पहले पखवाड़े में शासकीय और निजी मिलाकर 32 अस्पताल कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे थे, तब कुल बिस्तरों की संख्या 1115 थी
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
संक्रमण की दूसरी सुनामी के बाद शहर में कोरोना के मरीज भर्ती करने वाले निजी अस्पतालों की संख्या में रातों-रात बढ़ोत्तरी हुई है। आँकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान में 66 हॉस्पिटल कोरोना मरीजों को भर्ती कर उपचार दे रहे हैं, इनमें से 6 शासकीय हैं। जबकि दो माह पहले इनकी संख्या महज 28 थी। बढ़ते कोरोना मरीजों, ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की आवश्यकता और जनहित को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी तेजी से निजी अस्पतालों को कोविड मरीजों के लिए पंजीकृत किया, ताकि अधिक से अधिक बिस्तर मरीजों को उपलब्ध कराए जा सकें। वर्तमान में शहर में 4 हजार कोविड बेड हैं, जिनमें से लगभग साढ़े 3 हजार पर मरीज भर्ती हैं। इनमें से कई अस्पताल ऐसे हैं जो बेहद कम वक्त में खुले और मरीज भर्ती करने लगे। सवाल यह भी उठता है कि कितने अस्पताल निर्धारित मापदण्डों को पूरा कर रहे हैं। 
सार्थक पोर्टल पर अपडेट करनी होती है जानकारी
 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों की भर्ती करने की प्रक्रिया गत वर्ष अगस्त माह से शुरू की गई थी और सितंबर माह से अस्पतालों का पंजीयन सार्थक एप पर किया जाने लगा था। वर्तमान में जितने भी निजी अस्पताल कोविड मरीज भर्ती कर रहे हैं, वे सभी सार्थक पोर्टल पर पंजीकृत हैं। इस पोर्टल पर भर्ती मरीजों और उपलब्ध संसाधनों की जानकारी लगातार अपडेट करनी होती है।
इंटर्न और फाइनल ईयर के डॉक्टर दे रहे सेवाएँ 
 आईएमए अध्यक्ष डॉ. दीपक साहू के अनुसार स्टाफ की कमी को पूरा करने वर्तमान परिस्थितियों में प्राइवेट प्रैक्टिस छोड़कर कई चिकित्सक अस्पतालों में सेवाएँ दे रहे हैं, इसके अलावा सरकार के निर्देशों के बाद इंटर्न और फाइनल ईयर एमबीबीएस के स्टूडेंट्स भी सेवा दे रहे हैं। नर्सिंग की अंतिम वर्ष की छात्राओं की सेवाएँ ली जा रहीं हैं।  
प्रत्येक 10 बेड के लिए क्या हैं मापदण्ड
*    एमडी मेडिसिन डॉक्टर होना जरूरी है, जो दिन में दो बार वार्ड का राउंड ले। 
*    इसके अलावा अलग-अलग शिफ्ट के लिए 3 एमबीबीएस डॉक्टर। 
*    2 स्टाफ नर्स की ड्यूटी, 5 बेड पर 1 नर्स। 
*    आईसीयू के लिए सभी जरूरी उपकरण, मॉनीटर, हाईफ्लो ऑक्सीजन और परमानेंट स्टाफ।  
*    अस्पताल के पास खुद के कम से कम 10 डी टाइप (जम्बो) ऑक्सीजन सिलेंडर होने चाहिए। उपचार के दौरान खुलासा
*    अप्रैल में यह संख्या तेजी से बढ़ी और 20 अप्रैल तक अस्पतालों की संख्या 46 हो गई और बिस्तर 28 सौ से ज्यादा हो गए।
*    4 मई तक कुल 66 अस्पताल कोरोना मरीजों को भर्ती करे हैं और बिस्तरों की संख्या 4 हजार है।
इनका कहना है
तेजी से बढ़ते संक्रमण में लोगों को बेड उपलब्ध हो सकें, इसलिए नए अस्पतालों का पंजीकरण किया गया। अस्पतालों की मॉनीटरिंग समय-समय पर की जा रही है।  
-डॉ. संजय छत्तानी, नोडल अधिकारी  
 

Created On :   5 May 2021 2:24 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story