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नाईट कर्फ्यू से परेशान हैं होटल-रेस्टोरेंट संचालक, समय सीमा में भी छूट के लिए CM को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए महाराष्ट्र में लगाए नाईट कर्फ्यू से होटल-रेस्टोरेंट का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वर्क फ्रॉम होम के चलते दिन में रेस्टोरेंट का धंधा मंदा रहता ही है, अब रात 8 बजे तक होटल रेस्टोरेंट बंद करने के फरमान ने इस व्यवसाय की कमर तोड़ दी है। देश के होटल-रेस्टोरेंट व्यवसायियों की सर्वोच्च संस्था फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (एफएचआरआई) और होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया (एचआरएडब्ल्यूआई) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि रेस्टोरेंट के लिए रात्रि कर्फ्यू में छूट के साथ-साथ हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए उत्पाद शुल्क और संपत्ति कर सहित अन्य भुगतानों में छूट दी जाए।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एसोसिएशनों ने कहा है कि रेस्टोरेंट का वास्तविक व्यवसाय रात 8 बजे के बाद शुरू होता है और रात 8 बजे से रात्रि कर्फ्यू लगाने से भारी नुकसान हो रहा है। वर्क फ्रॉम होम के कारण रेस्टोरेंट में दिन में कोई खास व्यवसाय नहीं हो रहा है। एफएचआरएआई और एचआरएडब्ल्यूआई का कहना कि इन पाबंदियों के बाबजूद अन्य सभी व्यवसायों/ क्षेत्रों को लंबे समय तक व्यवसाय करने का अवसर मिल रहा हैं, लेकिन विशिष्ट प्रकृति और मांग के कारण रेस्टोरेंट के साथ ऐसा नहीं हो रहा है। एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली का कहना है कि कोविड 19 का प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर बहुत ही व्यापक रूप से पड़ा है, लेकिन हॉस्पिटैलिटी उद्योग पर इसका बहुत ही निराशाजनक प्रभाव पड़ा है।
कोरोना की सबसे बड़ी मार हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर पड़ी है। फिलहाल देश में 30 प्रतिशत होटल और रेस्टोरेंट वित्तीय घाटे के कारण स्थायी रूप से बंद हो गए हैं। 20 प्रतिशत से अधिक होटल और रेस्टोरेंट बंद होने के बाद दोबारा खुल ही नहीं पाए और शेष 50 प्रतिशत घाटे में चल रहे हैं। कोरोना काल के पहले के मुकाबले होटल-रेस्टोरेंट का राजस्व 50 प्रतिशत कम हो गया है। कोहली ने कहा कि पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है।इस क्षेत्र में 90 मिलियन लोगों को रोजगार मिला है। पर इन परिस्थितियों में यदि इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो राज्य में होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय बंद हो जाएंगे और बड़े पैमाने पर रोजगार का नुकसान होगा।
एफएचआरएआई के सचिव प्रदीप शेट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और आरबीआई के माध्यम से इस क्षेत्र को राहत पैकेज प्रदान करने का दावा किया है, लेकिन वास्तव में हमे कोई राहत नहीं मिली है। श्री शेट्टी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक नाईट कर्फ्यू लगाने के नए आदेश ने रेस्टोरेंट क्षेत्र की हालत और भी खराब कर दी है।
Created On :   2 April 2021 6:29 PM IST