हाईकोर्ट ने जताई हैरानी आखिर एक बेटी की प्रगति में उसकी मां कैसे बन सकती है रोड़ा    

How a mother can become a breaker in the progress of a daughter
हाईकोर्ट ने जताई हैरानी आखिर एक बेटी की प्रगति में उसकी मां कैसे बन सकती है रोड़ा    
हाईकोर्ट ने जताई हैरानी आखिर एक बेटी की प्रगति में उसकी मां कैसे बन सकती है रोड़ा    

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक मां द्वारा बेटी की प्रगति में अवरोध पैदा करने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने हैरानी जाहिर की है। यही नहीं कोर्ट ने मां की ओर से बेटी के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत को रद्द कर दिया है। इससे बेटी की उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया का वीजा पाने की राह आसान हो गई है। दरअसल मां ने अपनी बेटी पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए अंधेरी मैजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसे न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटाले कि खंडपीठ ने रद्द करते हुए बेटी को राहत प्रदान की है। मां द्वारा की गई शिकायत को रद्द करने की मांग को लेकर बेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में बेटी ने दावा किया था कि उसकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हो गई है। वह उच्च शिक्षा के लिएऑस्ट्रेलिया जाना चाहती है। उसने वीजा के लिए आवेदन किया है लेकिन उसके खिलाफ कोर्ट में प्रलंबित शिकायत उसकी उच्च शिक्षा व विदेश जाने की राह में रोड़ा बन रही है। याचिका में बेटी ने दावा किया था कि उसकी मां ने शिकायत में आधारहीन  आरोप लगाए हैं। याचिका में बेटी ने दावा किया था कि उसकी मां का उसके पिता के साथ वैवाहिक विवाद चल रहा है। इस वजह से उसे भी कोर्ट में घसीटा गया है। जबकि अपनी शिकायत में मां ने दावा किया था कि उसकी बेटी के कई बॉयफ्रेंड है। इसके अलावा उसकी बेटी ने उसे प्रताड़ित करती है।  

याचिका व मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पाया कि विवाद के चलते याचिकाकर्ता के माता पिता की आपस में अनबन चल रही है। माता पिता के संबंधों में काफी कड़वाहट है। याचिकाकर्ता भी अब अपने पिता के साथ रह रही है। इस तरह से देखा जाए तो याचिकाकर्ता(बेटी) अपने माता पिता के बीच जारी मनमुटाव व विवाद का शिकार हुई है और मां ने गुस्से में आकर बेटी की भी कानूनी लड़ाई में घसीट लिया है। खंडपीठ ने कहा कि यह हैरानीपूर्ण है कि एक मां अपनी बेटी की प्रगति में अवरोध पैदा कर रही है।खंडपीठ ने कहा कि याचिका कर्ता का व्यक्तित्व व कैरियर उसकी आगे की पढ़ाई पर निर्भर करता है। इसलिए न्यायहित में याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज कराई गई घरेलू हिंसा की शिकायत को रद्द किया जाता है। 

Created On :   20 April 2021 8:48 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story