विद्युत विभाग की आडिट रिपोर्ट व अन्य दस्तावेजों के बिना कैसे हो फायर आफीसर की आडिट

How to audit fire officer without audit report and other documents
विद्युत विभाग की आडिट रिपोर्ट व अन्य दस्तावेजों के बिना कैसे हो फायर आफीसर की आडिट
अपूर्ण दस्तावेजों के साथ फायर एनओसी की औपचारिकता विद्युत विभाग की आडिट रिपोर्ट व अन्य दस्तावेजों के बिना कैसे हो फायर आफीसर की आडिट

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में संचालित सभी निजी नर्सिंग होम्स को फायर एनओसी सहित अन्य कमियां पूरी कर टम्प्रेरी लाइसेंस लेने की मियांद भले 30 दिन की दी गई हो, लेकिन एनओसी प्राप्त करने की दिशा में किसी के द्वारा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। कुछ के द्वारा एनओसी के लिए नगरीय निकाय के संभागीय कार्यालय में आवेदन तो दिए जा रहे हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण विद्युत विभाग की आडिट रिपोर्ट संलग्न नहीं किए जा रहे हैं। कुछ अस्पताल द्वारा भवन निर्माण संबंधी वैध नक्शा भी प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, जिसके कारण आवेदन को लौटाया जा रहा है।

गौरतलब है कि जबलपुर के निजी नर्सिंग होम में हुए अग्नि हादसे के बाद शासन द्वारा सभी के लिए टम्प्रेरी एनओसी जो तीन वर्ष की अवधि के लिए होता है, अनिवार्य किया गया है। इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 25 अगस्त को जिले के सभी 18 निजी नर्सिंग होम को एनओसी लेने के लिए 30 दिन का समय दिया था। जब तक के लिए ओपीडी बंद कर मरीजों की भर्ती नहीं करने के आदेश जारी हुए थे। आदेश जारी होने के 9 दिन बाद भी किसी को एनओसी जारी नहीं हुई है।

टम्पे्ररी एनओसी केवल 3 के पास
फायर एनओसी के लिए प्रोवीजनल और टम्प्रेरी का प्रावधान पूर्व में था। लेकिन जबलपुर हादसे के बाद केवल टम्प्रेरी एनओसी अनिवार्य किया गया है। शहर में मात्र तीन नर्सिंग होम आदित्य, हातमी एवं श्रीराम के पास ही टम्प्रेरी एनओसी है। जबकि परमानंद, राजेंद्र सिंह, सराफ एवं मेवाड़ अस्पताल के पास प्रोविजनल एनओसी है। वहीं अन्य किसी के पास यह दोनों एनओसी भी नहीं है। बताया गया है कि इसके बाद भी संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है।

दो-दो बार आवेदन किया वापस

जानकारी के अनुसार डॉ. सराफ अस्पताल एवं परमानंद अस्पताल द्वारा जेडी आफिस नगरीय निकाय में आवेदन दिया गया था, लेकिन विद्युत विभाग की आडिट रिपोर्ट नहीं होने के कारण आवेदन वापस लौटा दिया गया। निजी तौर पर आडिट रिपोर्ट के साथ आवेदन दिया, दोबारा वापस हो गया। जबकि बताया गया है कि निजी तौर पर क्लास वन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की एनओसी मान्य होनी चाहिए। इस बारे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उक्त दो संस्थाओं के अलावा अन्य किसी के आवेदन भी प्राप्त नहीं हुए हैं।

एनओसी बिना इनका भी संचालन

बताया गया है कि नौरोजाबाद स्थित कोल माइंस के अस्पताल के पास भी फायर एनओसी नहीं है। संस्थान द्वारा आवेदन तो किया गया, लेकिन उसके दस्तावेजों में भवन अनुमोदित नक्शा शामिल नहीं था, इसलिए आवेदन लौटा दिया गया। इसी प्रकार शहडोल में संचालित होटल हॉलीडे, लगन पैलेस तथा सूर्या इंटरनेशनल के पास भी विद्युत विभाग की रिपोर्ट नहीं होने से एनओसी जारी नहीं है। 

फाइल कम्पलीट हो तभी आडिट

संभाग शहडोल में फायर आफीसर की पदस्थापना नहीं होने की दशा में नगर निगम सतना से अधिकारी की व्यवस्था की गई है। लेकिन किसी संस्थान की फाइल ही कम्पलीट नहीं हो पा रही है तो फायर आफीसर की विजिट कैसे हो पाएगी। 
आरपी सोनी, जेडी नगरीय निकाय शहडोल

Created On :   7 Sept 2022 1:17 PM IST

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