मोबाइल एप पर अंग्रेजी में कैसे भरेंगे जानकारी, सरकार का निर्देश अतार्किक

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मोबाइल एप पर अंग्रेजी में कैसे भरेंगे जानकारी, सरकार का निर्देश अतार्किक
हाईकोर्ट मोबाइल एप पर अंग्रेजी में कैसे भरेंगे जानकारी, सरकार का निर्देश अतार्किक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने आंगवाडी सेविकाओं द्वारा पोषण ट्रैकर मोबाईल एप पर अपने काम से जुड़ी जानकारी अंग्रेजी में अपलोड करने की बाध्यता को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देश को अतार्किक मानते हुए वर्करों को राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि एप में अंग्रेजी में जानकारी न डालनेवाली आंगनवाडी वर्करों के खिलाफ अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई न कि जाए। कोर्ट ने कहा कि ज्यादातर आंगनवाडी सेविकाएं के लिए यह कर पाना संभव नहीं है क्योंकि इनमें से अधिकांशतः की शिक्षा अंग्रेजी में नहीं हुई है। ऐसे में आंगनवाडी वर्करो के लिए अंग्रेजी में काम करने के लिए बाध्य करना सही नहीं है। 

हाईकोर्ट में आंगनवाडी कर्मचारी संगठन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मुख्य रुप से राज्य सरकार की ओर से अंग्रेजी की बाध्यता के संबंध में जारी निर्देश को चुनौती दी गई है। 13 दिसंबर 2021 को रामटेक की बाल विकास प्रोजेक्ट अधिकारी ने निर्देश जारी किया है कि ‘आंगवाडी वर्कर पोषण ट्रैकर एप’ पर नागरिकों की जानकारी अंग्रेजी में दर्ज करें। यदि आंगवाडी सेविकाएं ऐसा करने में विफल रहती हैं तो उनके खिलाफ न सिर्फ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी बल्कि इसे उनकी व्यक्तिगत विफलता माना जाएगा। 

न्यायमूर्ति प्रशांत वैराले व न्यायमूर्ति एमएस मोडक की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकर्ता की ओर से पैरवी कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता गायत्री सिंह ने कहा कि सभी आंगनवाडी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप पर अंग्रेजी में जानकारी दर्ज करने का कहा गया है। इससे आंगनवाडी सेविकाएं खुद को असहज महसूस कर रही हैं। 

गौरतलब है कि केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से चलनेवाली एकाकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के क्रियान्वयन में आंगनवाडी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। याचिका पर गौर करने व दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि  पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि वह आंगनवाडी वर्करों की परेशानी का व्यवहारिक हल निकालेगी। लेकिन राज्य सरकार आगनवाडी सेविकाओं को अंग्रेजी में ही एप पर जानकारी दर्ज करने के लिए जोर डाल रही है।

हर रोज कैसे करेंगी अंग्रेजी जानने वालों की तलाश

खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने जो निर्देश दिया हैं उसके तहत आंगनवाडी वर्कर एप में जानकारी दर्ज करने के लिए अंग्रेजी जाननेवाले की मदद ले सकते है लेकिन हर बार आंगनवाडी सेविकाएं अंग्रेजी जाननेवाले की तलाश कहां करेंगी। खंडपीठ ने कहा कि एक योजना के तहत कमोजर तबके खास तौर से महिलाओं को रोजगार देने के लिए आंगनवाडी सेविकाओं की नियुक्ति की गई है। अदालत ने कहा कि यदि इस तरह से आंगनवाड़ी सेविकाओं के साथ व्यवहार होगा तो योजना का उद्देश्य ही कुंठित हो जाएगा। क्योंकि ज्यादातर आंगनवाड़ी वर्कर बहुत ज्यादा पढी लिखी नहीं होती हैं। खंडपीठ ने फिलहाल याचिका पर सुनवाई 17 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है और केंद्र सरकार को इस मामले को लेकर व्यवहारिक समाधान पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने तब तक आंगनवाडी वर्करों के खिलाफ कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। 

 

Created On :   23 Dec 2021 9:08 PM IST

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