कैसे होगी जांच, पब्लिक हेल्थ लैब में फूड एनालिस्ट से लेकर केमिस्ट के पद पड़े हैं खाली

How will investigation be done in Public Health Lab, Posts are vacant
कैसे होगी जांच, पब्लिक हेल्थ लैब में फूड एनालिस्ट से लेकर केमिस्ट के पद पड़े हैं खाली
कैसे होगी जांच, पब्लिक हेल्थ लैब में फूड एनालिस्ट से लेकर केमिस्ट के पद पड़े हैं खाली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आम लोगों के लिए खुली पब्लिक हेल्थ लेबोरटरी में इन दिनों फूड एनालिस्ट से लेकर केमिस्ट के पद खाली हैं। जिसके चलते यहां आनेवाले नमूनों की जांच महीनों तक अटक रही है। पिछले तीन महीनों की बात करें, तो 431 मामले अटके पड़े हैं। जिनकी जांच नियमानुसार 14 दिनों में अपेक्षित है। इसके अलावा यहां आधुनिक संसाधनों की कमी है। जिसके कारण सब्जी-भाजी में होनेवाली मिलावट को सही तरह से पकड़ा नहीं जा रहा है।
उपरोक्त लैब का निर्माण खाद्य पदार्थ में होनेवाली मिलावटखोरी को रोकने के लिए किया है। शासकीय संस्था से लेकर आम आदमी भी यहां पानी से लेकर दूध, खाद्य पदार्थ आदि की जांच कर सकता है। इस लैब में तीन विभाग हैं। जिसमें पहला विभाग पानी रासायनिक विभाग है। इस विभाग अंतर्गत पीने के पानी की रासायनिक जांच होती है। 

इसके अलावा त्रुटी, ब्लीचिंग पावडर, इंडस्ट्रियल वेस्ट पानी को भी जांचा जाता है। दूसरा विभाग यहां अनुजीव विभाग है। जिसमें पीने के पानी की अनुजैविकता की जांत होती है। जिससे यह पता लग सकता है, कि पानी पीने से क्या बीमारियां हो सकती है। इसके अलावा यह विभाग महामारी के वक्त शौच के नमूनों की जांच, अन्न विषबाधा नमूनों की जांच, यहां तक खून की भी जांच होती है। जिसमें कॉलरा आदि बीमारियों के बारे में जानकारी मिल सकती है। इसके अलावा यहां तिसरा विभाग अन्न विभाग है। जहां दूध से लेकर किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ को जांचा जाता है। इन तीनों विभाग में आनेवाले नमूनों की जांच 14 दिनों में मिलना अपेक्षित है। लेकिन फुड एनालिस्ट व केमिस्ट के पद खाली होने के कारण तीनों विभाग में एक-एक केमिस्ट व फूड एनालिस्ट है। जिसके कारण यहां आनेवाले सैंपल की रीपोर्ट महीनों तक अटक रही है। खासकर केमिस्ट का काम होता है, पादर्थों की जांच करना लेकिन यहां इन्ही की कमी है। गत तीन माह की बात करें तो 431 सैंपल की रीपोर्ट अटकी पड़ी है।

अन्न व औषधी विभाग भी इस पर निर्भर 

अन्न औषधी विभाग के पास स्वतंत्ररूप से लैबोरटरी है। लेकिन सैंपलों की संख्या ज्यादा आने से प्रति माह 100 से ज्यादा सैंपल को यहां भेजा जाता है। जिससे लैब का काम बढ़ते जाता है।

इस तरह हैं, मामले प्रलंबित

प्रभारी अधिकारी, प्रादेशिक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला सी.जी. पारूडकर के मुताबिक शासकीय संस्था की ओर से आनेवाले नमूनों में वर्ष 2019 में नवंबर माह में 334, दिसंबर में 378 व जनवरी 2020 में 332 नमूनों की रीपोर्ट नहीं आई है। इसी तरह अन्न व औषधी विभाग की ओर से भेजे गये 3 सौ से ज्यादा नमूनों की रोपर्ट नहीं आई है।
 

Created On :   18 Feb 2020 1:54 PM GMT

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