माढ़ोताल को बचाने बनी मानव श्रृंखला, कहा- प्रकृति की अनमोल धरोहर का हो संरक्षण

एसडीएम ने आश्वासन दिया कि जल्द ही तालाब के बटांकों को किया जाएगा निरस्त माढ़ोताल को बचाने बनी मानव श्रृंखला, कहा- प्रकृति की अनमोल धरोहर का हो संरक्षण


डिजिटल डेस्क जबलपुर। माढ़ोताल तालाब को बचाने के लिए चल रहे जनआंदोलन के तीसरे दिन मानव श्रृंखला बनाई गई। मानव श्रृंखला में शामिल युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों ने हाथ उठाकर कहा कि माढ़ोताल तालाब प्रकृति की अनमोल जल धरोहर है। पूर्वजों की इस जल निधि और विरासत को किसी भी कीमत में मिटने नहीं दिया जाएगा। तालाब के संरक्षण के लिए हर स्तर पर कदम उठाया जाएगा। वहीं एसडीएम नम: शिवाय: अरजरिया ने तालाब परिसर में पहुँचकर लोगों से ज्ञापन लिया। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि जल्द ही तालाब के बटांकों को निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही तालाब का सीमांकन भी कराया जाएगा।
बुधवार को मानव श्रृंखला के लिए युवा, बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। तेज धूप होने के बाद भी लोग शाम 4 बजे से तालाब परिसर में एकत्रित होने लगे। ज्यादातर महिलाएँ और बच्चे तालाब को बचाने का संदेश देने वालीं तख्तियाँ लेकर पहुँचे थे। तख्तियों में तालाब का सीमांकन
कराओ, बटांक निरस्त करो... और तालाब का सौंदर्यीकरण करो... जैसे नारे लिखे हुए थे। शाम 6 बजे से लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर तालाब के संरक्षण के लिए हुँकार भरी, जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय रही।
... तो जनता करेगी तालाब का गहरीकरण
योगेन्द्र दुबे, पवन तिवारी, शंकर श्रीवास्तव, रंजीत ठाकुर, विनीत तिवारी, चंदू जाऊलकर, देवेन्द्र नेमा, आलोक अग्निहोत्री, राजेश विस्पुते, भोले सोनी, इंद्रेश दुबे और मनीष विश्वकर्मा ने कहा है कि एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि सीमांकन कराने के बाद तालाब को क्षेत्रीय लोगों के सुपुर्द किया जाएगा। इसके बाद क्षेत्र की जनता मिलकर तालाब का गहरीकरण कराएगी। पूर्व पार्षद बेड़ी लाल पटेल, राजकुमार गुप्ता, दीपक दुबे, राजेश तिवारी, विवेक साहू, विंध्येश भापकर, अक्षय शुक्ला और छोटे लाल पटेल ने कहा है कि क्षेत्र की
जनता तालाब के गहरीकरण के लिए श्रमदान के लिए तैयार है।
चूके तो फिर नहीं मिलेगी ऐसी नैसर्गिक जल धरोहर
प्रणिता बबेले, सीमा पचौरी, वंदना सिंह, जागृति शुक्ला, कल्पना तिवारी, अनीता कोल, ललिता रैकवार, सुनैना कोल, शीला कोल और अनीता रैकवार ने कहा कि माढ़ोताल तालाब जैसी नैसर्गिक जल धरोहर शहर को दोबारा नहीं मिलेगी। इसलिए सभी को माढ़ोताल के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। जिला प्रशासन को तालाब के संरक्षण व विकास के लिए समग्र योजना तैयार करनी चाहिए।
तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाए
पूर्व महापौर सदानंद गोड़बोले, सुशील अग्रवाल, संजय उपाध्याय, महेन्द्र सिंह राजपूत, गणेश उपाध्याय, छत्रपाल शुक्ला, गोविंद राय, आरएस शुक्ला, संदीप खम्परिया, वीरेन्द्र चंदेल, आशुतोष तिवारी और ब्रजेश मिश्रा ने कहा है कि तालाब का सौंदर्यीकरण कराया जाना चाहिए, ताकि क्षेत्रीयजन अपने परिवार के साथ यहाँ पर घूमने के लिए आ सकें। इसके साथ ही तालाब के कैचमेंट एरिया को बारिश के पहले खोला जाना चाहिए।
बटांक करने वाले अधिकारियों पर हो कार्रवाई
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे एड. अरविंद दुबे ने ज्ञापन सौंपकर कहा कि माढ़ोताल तालाब का बटांक निरस्त कर गहरीकरण का काम किया जाना चाहिए। तालाब के सीमांकन के साथ ही सौंदर्यीकरण कराया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि गैर कानूनी तरीके से तालाब का बटांक करने वाले
अधिकारियों पर कार्रवाई भी की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो सके।
मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, डीके नेमा, एसके बांदिल, रजनीश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेश शुक्ला, रवि बांगड़, पीएल गौतम, रजनीश दुबे और मंसूर बेग ने कहा कि तालाब का संरक्षण और सौंदर्यीकरण शहर के हर जिम्मेदार नागरिक का नैतिक दायित्व होना चाहिए। जरूरत पड़ी तो पर्यावरण व जनहित से जुड़ी इस शानदार मुहिम को घर-घर तक पहुँचाया जाएगा।

Created On :   11 May 2022 5:33 PM GMT

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