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आईएएस अफसर केवल सरकारी और प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं से स्वीकार कर सकेंगे पुरस्कार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अफसर अब केवल सरकारी और प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं से ही पुरस्कार स्वीकार कर सकेंगे। प्रदेश सरकार आईएएस अफसरों को सिर्फ सरकारी और प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं से पुरस्कार स्वीकार करने की अनुमति देगी। राज्य सरकार ने आईएएस अफसरों को सरकारी और निजी संस्थाओं से पुरस्कार स्वीकार करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है। सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। इसके अनुसार आईएएस अफसर सरकारी और प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं से पुरस्कार के रूप में केवल प्रशस्ति पत्र और सम्मानचिन्ह स्वीकार कर सकेंगे। आईएएस अफसर को पुरस्कार के रूप में नकद राशि, सोने, चांदी और अन्य कोई मूल्यवान धातु स्वरूप सम्मानचिन्ह और कोई मूल्यवान वस्तुओं को स्वीकारने की अनुमति नहीं होगी। पुरस्कार देनेवाली निजी संस्था गैर राजनीतिक और गैर सांप्रदायिक होनी चाहिए। उस निजी संस्था की राष्ट्रीय और राज्यस्तर पर पहचान होनी चाहिए। निजी संस्था का कार्य सरकार की प्रचलित नीतियों के विरोध में नहीं होना चाहिए। परिपत्र के मुताबिक आईएएस अफसरों को उल्लेखनीय सेवा के लिए विभिन्न निजी संस्थाओं और सरकारी संस्थाओं की ओर से पुरस्कार के लिए नामित किया जाता है। यह पुरस्कार लेने के लिए आईएएस अफसरों को सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है लेकिन अब सरकार केवल सरकारी और निजी संस्थाओं के पुरस्कार को स्वीकार करने संबंधित आवेदन पर विचार करेगी। आईएएस अफसरों के पुरस्कार स्वीकार करने के आवेदन पर विचार करने का अधिकार सक्षम प्राधिकारी के पास होगा।
पुरस्कार के रूप में नकदी, सोने, चांदी और मूल्यवान धातु व वस्तुओं के लेने पर होगी मनाही
आईएएस अफसरों को पुरस्कार प्रदान करने की तारीख से 15 दिन पहले पूर्व अनुमति संबंधित आवेदन सामान्य प्रशासन विभाग को देना होगा। निजी संस्थाओं से पुरस्कार स्वीकार करने के लिए आईएएस अफसरों को पत्र मिलने के बाद उन्हें पता लगाना होगा कि संबंधित संस्था पंजीकृत है क्या? संस्था का दर्जा, संस्था का कार्यक्षेत्र, संबंधित संस्था में कार्यरत पदाधिकारी की अपराधित पृष्ठभूमि संबंधी जानकारी, संस्था का आर्थिक स्त्रोत, संस्था की ओर से पहले सम्मानित किए जा चुके व्यक्तियों, संबंधित संस्था का आईएएस अफसर के कार्यालय से पहले कोई संबंध आया था क्या? अथवा भविष्य में इसकी संभावना है क्या? उक्त सभी जानकारी प्राप्त करके आईएएस अफसरों को पुरस्कार स्वीकार करने के लिए पूर्व अनुमति संबंधी आवेदन करना पड़ेगा। सरकार का कहना है कि किसी सरकारी कार्यक्रम की सफलता केवल एक व्यक्ति के काम से नहीं बल्कि सामूहिक प्रयासों का परिणाम होती है। शासन की ओर से सरकारी अफसरों का उल्लेखनीय कार्य और गुणवत्ता का संज्ञान लिया जाता है ऐसी स्थिति में अफसरों का निजी संस्थाओं से पुरस्कार स्वीकार करना उचित नहीं लगता। सरकारी कर्तव्य का निर्वहन करते हुए प्रचार और सार्वजनिक स्वीकारता की दृष्टि से निजी पुरस्कार प्राप्त करना उनके कर्तव्यों में बाधा पहुंचा सकती है। फिर भी कुछ पुरस्कार देने वाली संस्थाएं अत्यंत प्रतिष्ठित होती हैं उनके पुरस्कार में कोई आर्थिक लाभ का समावेश नहीं होता है। यदि ऐसी संस्थाएं की ओर से किसी आईएएस अफसर को पुरस्कार स्वीकारने के लिए कहा जाता है तो सरकार अपवादात्मक परिस्थिति में उनके आवेदन की पड़ताल करके अनुमति दे सकती है।
Created On :   22 Nov 2021 9:05 PM IST