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चुनाव लड़ना चाहते हैं तो अभी से कर लें जाति प्रमाणपत्र का इंतजाम, जानिए - क्यों लगाने होंगे 10 पेड़ !
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में साल 2022 में होने वाले स्थानीय निकायों के चुनावों में आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार समय रहते जाति प्रमाणपत्र सहित जाति वैधता प्रमाण पत्र हासिल कर लें। गुरुवार को राज्य चुनाव आयुक्त यूपीएस मदान ने यह आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार जाति वैधता प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए अभी से व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करना शुरू कर दें। जिससे उम्मीदवारी दाखिल करने के ऐन मौके पर होने वाली भागदौड़ से बचा जा सकेगा। मदान ने कहा कि साल 2022 में राज्य भर की महानगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत, जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के विभिन्न स्थानीय निकायों के चुनाव बड़े पैमाने पर होंगे। स्थानीय निकायों के अलग-अलग कानून के अनुसार आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र और जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होता है। इसलिए इच्छुक उम्मीदवार सबसे पहले जाति प्रमाण पत्र हासिल कर लें। इसके बाद जाति प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ जाति प्रमाण पत्र पड़ताल समिति के पास आवेदन करें। इससे उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करते समय आखिरी क्षणों में भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही इच्छुक उम्मीदवार जाति वैधता प्रमाण पत्र के अभाव में चुनाव लड़ने से वंचित नहीं रहेंगे।
चुनाव लड़ने उम्मीदवारों को लगाने होंगे 10 पेड़!
आने वाले दिनों में चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को चुनाव क्षेत्र में कम से कम 10 पेड़ लगाने पड़ सकते हैं। ऐसा न करने वालों को अर्ज भरने से रोका जा सकता है। विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर ने राज्य सरकार से इस तरह की सिफारिश की है। ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर विधानमंडल में निंबालकर की अध्यक्षता में बुधवार को एक अहम बैठक हुई। बैठक में विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे, विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, पर्यावरण राज्यमंत्री संजय बनसोडे, विधायक रोहित पवार, संजय जगताप और विनायक मेटे मौजूद थे। धरती के बढ़ते तापमान पर चर्चा के बाद राज्य सरकार को कुछ सुझाव भेजे गए हैं। इनमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने वाले उद्योगों को बढ़ावा देने, इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी, अर्धसरकारी, निजी पार्किंग में वरीयता देने, विभिन्न जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने, चुनाव लड़ने से पहले क्षेत्र में 10 पेड़ लगाने, विधायक निधी का एक हिस्सा पर्यावरण संरक्षण के लिए खर्च करने की इजाजत देने जैसे सुझाव शामिल हैं। निंबालकर ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं बढ़ गईं हैं। हाल ही में राज्य में आई बाढ़ इसका उदाहरण है। ऐसे में संकट से निपटने के लिए समय रहते जरूरी कदम उठाना और पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना कारगर हो सकता है। विधानमंडल के शीत सत्र के दौरान इस मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा की जाएगी।
मुंबई को छोड़ कर राज्य की सभी महानगरपालिकाओं में बहु सदस्यीय प्रभाग पद्धति से होगा चुनाव
राजधानी मुंबई को छोड़कर राज्य की सभी महानगर पालिकाओं और नगर परिषदों में बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति दोबारा लागू किया जाएगा। जबकि नगर पंचायतों में एक सदस्यीय प्रभाग पद्धति लागू रहेगी। प्रदेश में अगले साल होने वाले महानगर पालिकाओं और नगर परिषदों चुनाव बहुसदस्यीय वार्ड पद्धति से होंगे। मनपा में तीन सदस्यों का वार्ड होगा। जबकि नगर परिषदों में दो सदस्यों का वार्ड होगा। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इससे संबंधी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी है। अध्यादेश जारी करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार महानगर पालिका क्षेत्र में प्रत्येक वार्ड में तीन पालिका सदस्य होंगे। लेकिन वार्ड सदस्यों की संख्या कम से कम दो और चार से अधिक नहीं होगी। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि मुंबई में पहले की तरह एक सदस्यीय वार्ड रहेंगे।
कोरोना को बताया कारण
प्रदेश में इसके पहले महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम व महाराष्ट्र नगरपरिषद, नगरपंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम 1965 में संशोधन कर राज्य के मनपा और नगर परिषदों में एक सदस्यीय प्रभाग पद्धति लागू किया गया था लेकिन कोविड के दौरान स्वास्थ्य संबंधी स्थिति से निपटने और जनप्रतिनिधियों द्वारा संज्ञान में लाई गई वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति लागू करने का फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार शहरी समस्याओं का निराकरण और जिम्मेदारी का निर्वहन वार्ड में सामूहिक प्रतिनिधित्व (बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति) से अधिक उचित तरीके से हो सकता है। इसके लिए महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम में संशोधित करके मनपा क्षेत्र में बहुसदस्यीय प्रभाग के प्रावधान को दोबारा लागू करने का फैसला लिया गया है।
ऐसे होंगे मनपा और नगर परिषदों में प्रभाग
प्रदेश के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि मनपा में तीन सदस्यों का प्रभाग (वार्ड) होगा जबकि नगर परिषदों में दो सदस्यों का प्रभाग होगा। वहीं नगर पंचायतों में एक सदस्यीय प्रभाग कायम रहेगा। शिंदे ने कहा कि राज्य में इसके पहले चार सदस्यों की प्रभाग पद्धति लागू थी। इसके अनुसार नगर विकास विभाग ने चार सदस्यों का प्रभाग बनाने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ मंत्रियों ने चार के बजाय तीन सदस्यों का प्रभाग तैयार करने की मांग की। शिंदे ने दावा किया कि मंत्रिमंडल के इस फैसले से नगर निकायों में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवारों को फायदा होगा।
Created On :   23 Sept 2021 8:01 PM IST