किसान आंदोलन पर विपक्षी दल अपना रहे दोहरा रवैया, कानून रद्द न हुआ तो और तेज होगा आंदोलन

If law is not repealed, movement will intensify, IIFA appeals to make Bharat Bandh a success
किसान आंदोलन पर विपक्षी दल अपना रहे दोहरा रवैया, कानून रद्द न हुआ तो और तेज होगा आंदोलन
किसान आंदोलन पर विपक्षी दल अपना रहे दोहरा रवैया, कानून रद्द न हुआ तो और तेज होगा आंदोलन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सत्ताधारी भाजपा ने किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन करने वाले राजनीतिक दलों पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि लगातार चुनाव हार रहे विपक्षी दल अपना अस्तित्व बचाने के लिए इस तरह के आंदोलनों में शामिल हो जाते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारत बंद से ठीक पहले कृषि के मसले पर कांग्रेस, राकांपा, सपा, आप जैसी पार्टियों के दोहरे चरित्र को उजागर किया। प्रसाद ने ने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे। लेकिन सभी विपक्षी दल यहां पहुंच रहे हैं क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है। यह विपक्ष का शर्मनाक और दोहरा चेहरा है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि कांग्रेस ने 2019 के अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि कांग्रेस एपीएमसी एक्ट को खत्म करेगी और किसानों को अपने फसलों के निर्यात और व्यापार पर सारे बंधनों से मुक्त करेगी। इतना ही नहीं, वर्ष 2013 में राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों में फल और सब्जियों को एपीएमसी से डीलिस्ट करेंगे और किसानों को विकल्प देंगे। लेकिन आज कांग्रेस नेताओं के स्वर अलग हैं। प्रसाद ने किसान आंदोलन का समर्थन कर रह रहे राकांपा सुप्रीमों शरद पवार को भी निशाने पर लिया और कहा कि पवार ने वर्ष 2010 में कृषि मंत्री रहते हुए देश के सभी मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा था कि मंडी एक्ट में बदलाव और कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र का आना जरूरी है। उन्होने एक साक्षात्कार में यह भी कहा था कि वह एपीएमसी एक्ट छह महीने में खत्म होते देखना चाहते हैं। लेकिन अब उनके सुर बदल गए हैं। केन्द्रीय मंत्री ने किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वाराज पार्टी के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव को भी उनके पहले के बयान व निर्णय पर घेरा। उन्होने कहा कि दिल्ली सरकार ने 23 नवंबर को ही नए कानून को नोटिफाई कर दिया था, लेकिन केजरीवाल आज इसका विरोध कर रहे हैं। इसी प्रकार जिस कृषि संबंधी संसद की स्थायी समिति में यह रिपोर्ट आई है, उस समिति के सदस्य मुलायम सिंह यादव भी हैं।

Created On :   7 Dec 2020 6:33 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story