बोवनी शुरु होने के बाद आवक नहीं हुई तो बन सकती है क्राइसेस

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शहडोल बोवनी शुरु होने के बाद आवक नहीं हुई तो बन सकती है क्राइसेस

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में रवी सीजन की फसलों के लिए जिस अनुपात में खादों की डिमांड है, उसके अनुरूप अभी उसका भंडारण आधा ही है। हालांकि अभी बोवनी का कार्य शुरुआती चरण में है। नवंबर के अंत और दिसंबर महीने के शुरुआती दिनों में खाद की मांग अधिक होगी। यदि जिले में उस अनुरूप खाद की आवक नहीं हुई तो किसानों को परेशानी हो सकती है। गौरतलब है कि वर्तमान में खरीफ फसलों में धान की कटाई का कार्य चल रहा है। कहीं कहीं पर रवी फसलें बोई भी जाने लगी हैं। किसान संघ के अध्यक्ष डॉ. भानुप्रताप सिंह ने बताया कि बोवनी का कार्य दिसंबर तक चलता है। अभी खाद की कमी जैसी स्थिति नहीं है। हां यदि आवक नहीं हुई तो कमी बन सकती है।

डिमांड के अनुरूप इतना है भंडारण

विपणन संघ के प्रबंधक अर्जुन सिंह के अनुसार इस वर्ष यूरिया की 1500 टन व डीएपी की 1350 टन डिमांड के अनुरूप यूरिया 785 टन व डीएपी 1245 टन का भंडारण जिले में हैं। यूरिया 750 टन व डीएपी 600 टन संबंधित सेंटरों में वितरण के लिए भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि सूपर फास्फेट 199 टन, पोटास 97 टन व अन्य खादों की आपूर्ति जिले में हो चुकी है।

93700 हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य

उप संचालक कृषि अमर सिंह चौहान के अनुसार इस वर्ष रवी सीजन की बोनी का रकबा जिले में 93700 हेक्टेयर का है, जो गत वर्ष 93070 हेक्टेयर था। दलहन व तिलहन को बढ़ावा देने के लिए धान की तरह गेहूं का रकबा घटाया गया है। गत वर्ष गेहूं 73900 हेक्टेयर में था, इस बार 68000 रखा गया है। जौ का 170, चना का 7350 से बढ़ाकर 9 हजार, सरसों का 5460 से बढ़ाकर 8500, मटर का 970 से बढ़ाकर 1100, मसूर का 630 से बढ़ाकर 9000 व अलसी का 4550 से बढ़ाकर 6 हजार हेक्टेयर रखा गया है। उन्होंने बताया कि खाद की कमी नहीं है।

Created On :   2 Nov 2022 12:31 PM IST

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