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सरकार से बकाया राशि नहीं मिली तो बिजली कनेक्शन काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आर्थिक संकट से गुजर रही महावितरण कंपनी का सरकार के विभिन्न विभागों के पास बकाया बिजली बिल और अनुदान की राशि देने के लिए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। राऊत ने कहा कि यदि सरकार से बकाया बिजली बिल की राशि और अनुदान नहीं मिला तो महावितरण के पास कृषि पंपों, सार्वजनिक जलापूर्ति और स्ट्रीट लाइट का विद्युत कनेक्शन काटकर बिजली बिल वसूली के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। राऊत ने कहा कि राज्य की सार्वजनिक जलापूर्ति योजना का 2 हजार 607 करोड़ और सार्वजनिक स्ट्रीट लाइट का 6 हजार 316 करोड़ रुपए बिजली बिल बकाया है। इसके अलावा सरकार की ओर से कृषि, विदर्भ और मराठवाड़ा समेत अन्य उद्योगों को दिए जाने वाले औद्योगिक बिजली दरों में सहूलियत का 7 हजार 978 करोड़ रुपए का अनुदान बाकी है। राऊत ने कहा कि राज्य के कृषि पंपों के ग्राहकों का 41 हजार 175 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। कृषिपंप नीति 2020 से कुछ प्रमाण में बकाया वसूली हो रही है। लेकिन महावितरण की खराब हुई आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए यह राशि काफी नहीं है।
राऊत ने कहा कि बकाए बिल के वसूली की राशि देने के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मौजूदगी में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ और राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी कई बार इस मुद्दे को उठाया जा चुका है। लेकिन दोनों विभागों ने महावितरण को बकाया निधि नहीं दिया है। सार्वजनिक जलापूर्ति योजना का चालू वर्ष का 380 करोड़ रुपए में से केवल 7 करोड़ रुपए दिया गया है। जबकि स्ट्रीट लाइट का चालू वर्ष में 857 करोड़ रुपए बिजली बिल में से केवल 4 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इसके मद्देनजर महावितरण कंपनी ने केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार बैंकों से 10 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। महावितरण को इससे अधिक कर्ज अब नहीं मिल सकता है।
महावितरण पर 45 हजार 591 करोड़ रुपए का कर्ज
राऊत ने कहा कि महावितरण पर 45 हजार 591 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसके अलावा महावितरण को बिजली उत्पादक कंपनियों को 13 हजार 486 करोड़ रुपए देना बाकी है। आर्थिक संकट के कारण महावितरण समय पर कर्ज का भुगतान नहीं कर सकती है। इस कर्ज का ब्याज बढ़ने से महावितरण कंपनी की आर्थिक परिस्थिति खराब हो रही है। राऊत ने कहा कि राज्य में महावितरण कंपनी के 2 करोड़ 80 लाख से अधिक ग्राहकों को बिजली आपूर्ति करती है। लेकिन कोरोना महामारी, निसर्ग समेत अन्य तूफान के कारण पैदा हुई स्थिति के कारण महावितरण आर्थिक संकट में फंस गई है। राऊत ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप राज्य के ग्रामीण विकास विभाग और नगर विकास विभाग के पास बकाया बिजली बिल और सरकार के पास बकाया अनुदान को तत्काल महावितरण को उपलब्ध कराने के लिए आदेश दें। जिससे महावितरण को बदहाल आर्थिक स्थिति से उबरने में मदद मिल सके।
Created On :   23 Jan 2022 8:23 PM IST