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ट्रेनें नहीं चलीं तो बड़ा संकट, कुली बोले-भूख के बोझ से मर जाएँगे
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कुछ दिन और गाडिय़ाँ नहीं चलीं तो कुली अपने परिवार की भूख के बोझ से मर जाएँगे.. ये हताशा भरे शब्द मुख्य रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के सामानों का बोझ उठाने वाले मेहनतकश कुली नीरज गुप्ता, अशोक झारिया, रामा दादा, नरेन्द्र तिवारी, पंचू के हैं, जो काम न मिलने से परिवार की जीविका को लेकर चिंतित हैं। वैसे भी रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद 12 अगस्त तक नई गाडिय़ों के नहीं चलाने के आदेश आने के बाद कुलियों की रोजी-रोटी को लेकर चिंता बढ़ गई है। ऐसे में अगर पमरे प्रशासन स्पेशल ट्रेनों को चलाने का निर्णय लेता है तो मेहनतकश कुलियों को कोरोना की महामारी के दौर में जीविका चलाने का अवसर मिल सकता है।
कुलियों से कोई यात्री सामान ही नहीं उठवा रहा
कुली का काम करने वाले नीरज ने बताया कि 1 जून से भले ही जबलपुर स्टेशन से गोंडवाना और जनशताब्दी एक्सप्रेस चलाई जा रही हैं लेकिन ट्रेनों में इतने कम यात्री सफर कर रहे हैं कि कुलियों से कोई यात्री सामान ही नहीं उठवा रहा है। जिसकी वजह से कई-कई दिनों तक बोहनी तक नहीं होती, बिना कमाई के खाली हाथ ही घर जाना पड़ता है। वहीं अन्य कुलियों ने बताया कि वैसे तो करीब 100 कुली मुख्य रेलवे स्टेशन पर काम करते हैं लेकिन लॉकडाउन के बाद से अब सिर्फ 10 कुली ही काम कर रहे हैं, बाकी काम न होने के कारण गाँव चले गए हैं। कुली दिन और रात की पालियों में काम कर रहे हैं, जो रात की पाली में काम कर रहे हैं, वे 100 रुपए भी कमाने को तरस रहे हैं। ऐसे में उनके परिवारों का पेट कैसे भरेगा, यह चिंता उन्हें भीतर ही भीतर खाए जा रही है। कुलियों ने बताया कि डीआरएम की ओर से लॉकडाउन में उन्हें कुछ राशन मिला था लेकिन उसके बाद रेलवे से कोई राहत नहीं मिली। दिन और रात के दौरान 4-5 गाडिय़ाँ गुजरती हैं लेकिन काम न तो दिन में मिल रहा है और न ही रात में। सभी को जुलाई माह में कुछ और गाडिय़ाँ चलने का इंतजार है, जो उनकी परिवार की गाड़ी चला सकेंगी।
Created On :   29 Jun 2020 2:23 PM IST