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गांव के दो बुजुर्ग आदिवासी के काबिज होने की गवाही दें तो मान्य किया जाए
डिजिटल डेस्क शहडोल । आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री एवं प्रभारी मंत्री शहडोल सुश्री मीना सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में निरस्त वनाधिकार पट्टों की समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने कहा कि 2005 के बाद काबिज पात्र आदिवासियों को वनाधिकार पट्टा दिया जाए। यदि ग्राम के 70-80 वर्ष के 2 बुजुर्ग किसी आदिवासी के काबिज रहने की गवाही देते हैं तो उसे मान्य किया जाएं।
प्रभारी मंत्री ने अधिकारियेां को वनाधिकार दावों एवं पट्टों के निरस्तीकरण की जानकारी संबंधित क्षेत्र के विधायकों को देने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने वनमंडाधिकारी को कहा कि वन मार्ग से गुजरने वाले ट्रैक्टर आदि को अनावश्यक जब्त न किया जाए। यदि किसी कारणवश जब्त किए जाते हैं तो शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए समय सीमा तय कर उन्हें मुक्त किया जाए। महुआ संग्रहण में आदिवासियों पर किसी भी प्रकार की पाबंदी न लगाई जाए। बैठक में एसी ट्राइबल ने बताया कि जिले में कुल 6705 दावे निरस्त किए गए हैं, इसमें 5121 अनुसूचित जाति तथा 1584 ओटीएफडी दावे शामिल हैं। जिला स्तरीय समिति के पास अनुसूचित मान्य दावे 53 तथा अमान्य दावे 262 हैं।
वर्षों से जमे अधीक्षकों को हटाएं
प्रभारी मंत्री ने आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बैगा आदिवासियोंं के लिए बैगा अभिकरण परियोजनाओं में अध्यक्ष पद के लिए संबंधित क्षेत्रीय विधायकों का नाम प्रस्तावित कराकर शासन को कलेक्टर के माध्यम से भिजवाएं। आदिवासी छात्रावास, आश्रम, स्कूलों वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत अधीक्षकों को हटाया जाए। बैठक में विधायक जयसिंह मरावी, मनीषा सिंह, शरद कोल, कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह, एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, डीएफओ उत्तर देवांशु शेखर, समाजसेवी कमलप्रताप सिंह आदि मौजूद थे।
Created On :   6 Aug 2020 3:40 PM IST