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वनसपंदा की जोड़ हो तो गोंडवाना बनेगा राज्य का आदर्श यूनिवर्सिटी
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । चंद्रपुर व गड़चिरोली के लिये पृथक रूप से निर्माण किये गए गड़चिरोली स्थित गोंडवाना विश्वविद्यालय परिसर में विपुल मात्रा में वनसंपदा और संसाधनों का खजाना है। इस साधनसंपत्ति का उपयोग कर विद्यार्थियों को इसी तर्ज पर शिक्षा दी गई तो यह विश्वविद्यालय राज्य का एकमात्र विवि बन सकता है। यह विचार पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा.शरद निंबालकर ने गोंडवाना यूनिवर्सिटी के वर्षगांठ दिवस के मौके पर व्यक्त किए। इस समय कार्यक्रम की अध्यक्षता गोंडवाना विवि के कुलपति डा.प्रशांत बोकारे ने की।
प्रमुख अतिथि के रूप में गड़चिरोली के सांसद अशोक नेते,विधायक डा.देवराव होली, प्र.कुलपति डा.श्रीराम कावले, कुलसचिव डा.अनिल हिरेखन आदि उपस्थित थे। विवि की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रसिद्ध समाजसेवी मोहन हीराबाई हीरालाल को जीवन साधना गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गोंडवाना विवि के कुलपति डा.बोकारे ने इस समय कहा कि, आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में धानोरा तहसील है। इस तहसील में ग्राम लेखा (मेंढा) का नाम सभी देशवासियों को पता है। इस ग्रामसभा ने जो कार्य किया है। वह शिक्षा के बलबूते ही किया है। यदि, हर व्यक्ति शिक्षा को अपने जीवन का महत्वपूर्ण अंग मान ले तो अपने क्षेत्र का ही नहीं जिले का विकास यकीनन हो सकता है। कार्यक्रम के दौरान विवि के तहत उल्लेखनीय कार्य करनेवाले विभिन्न प्राध्यापकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का सम्मानचिह्न देकर सत्कार किया गया।
Created On :   3 Oct 2022 9:31 AM GMT