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केंद्रीय सूचना आयोग कमिश्नर ने कहा- मनमानी की है तो परिणाम भुगतने तैयार रहो
डिजिटल डेस्क टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के सहायक पोस्ट मास्टर जनरल डीआर मंडल ने खूब माफी मांगी, ऐसी गलती न दोहराए जाने की बार-बार मिन्नतें की, लेकिन केंद्रीय सूचना आयोग कमिश्नर एमबी श्रीधर ने एक नहीं सुनी। उन्होंने कहा जब मनमानी की है तो सजा भुगतने भी तैयार रहो। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सोमवार को हुई 4 मिनट 12 सेकेंड की सुनवाई में कमिश्नर ने पोस्ट ऑफिस को जिम्मेदार ठहराते हुए पैनाल्टी लगाना तय कर दिया। हालाकि जुर्माना कितना लगेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं किया गया है। मामला जतारा जनपद क्षेत्र की बिलगांय ग्राम पंचायत का है। जिसमें पोस्ट ऑफिस बर्माडांग और ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव ने मिलीभगत से मनरेगा की राशि का गबन किया। आरटीआई के तहत ग्रामीण रासेवक ने जानकारी मांगी, जिसे पोस्ट ऑफिस प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं कराया। इसकी शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग से की गई थी। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के तहत हुई सुनवाई में टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट के वीसी रूम से शिकायतकर्ता रामसेवक घोष ने अपना पक्ष रखा।
आधी-अधूरी और त्रुटिपुर्ण दी जानकारी
वीडियो कॉन्फ्रेंस में शिकायतकर्ता रामसेवक घोष ने बताया कि पोस्ट ऑफिस द्वारा बिलगांय पंचायत में मनरेगा के तहत आहरण-वितरण की चाही गई जानकारी नहीं दी है। इसके अलावा जो जानकारी दी गई है, वह भी आधी-अधूरी, त्रुटिपूर्ण और भ्रमित करने वाली है। उल्लेखनीय है कि पिछले माह 8 मार्च को भी केंद्रीय सूचना आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले में सुनवाई की थी। बिलगांय ग्राम पंचायत में वर्माडांग पोस्ट ऑफिस के माध्यम से किए गए भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। रिपोर्ट में विलंब होने पर सहायक पोस्ट मास्टर जनरल भोपाल को परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की हिदायत दी थी।
डेढ़ साल में नहीं दी भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट
बिलगांय निवासी रामसेवक घोष ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत बिलगायं ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत पोस्ट ऑफिस के माध्यम से किए गए लेन-देन के मामले की जांच रिपोर्ट मप्र पोस्ट मास्टर जनरल कार्यालय भोपाल से मांगी थी। डेढ़ साल बाद भी पीएमजी भोपाल द्वारा आरटीआई के तहत रिपोर्ट मुहैया नहीं कराई गई। इसलिए सूचना आयोग के समक्ष अपील की गई थी। जिसे संज्ञान में लेकर केंद्रीय सूचना आयोग ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की। टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल से शिकायतकर्ता रामसेवक घोष निवासी बिलगांय और उसके प्रतिनिधि अरविंद्र जैन उपस्थित रहे। वीसी में भोपाल से सहायक पोस्ट मास्टर जनरल डीआर मंडल ने सहभागिता की।
यह है मामला : भ्रष्टाचार को मिला डाक विभाग का संरक्षण
ग्राम पंचायत बिलगांय में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था। तत्कालीन सरपंच आशाराम और ग्राम पंचायत सचिव राजेश जैन ने ग्राम वर्माडांग स्थित पोस्ट ऑफिस के माध्यम से फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था। कई ग्रामीणों के खाते पोस्ट ऑफिस में खुलवाकर मजदूरी का भुगतान किया और खुद ही राशि आहरित कर ली। मामले की भनक लगने पर ग्रामीणों ने शिकायत की थी। जिसकी जांच डाक अधीक्षक छतरपुर से लेकर अन्य अधिकारियों द्वारा की गई, लेकिन घोटाले को दबाने का प्रयास किया गया। मामले की शिकायत संचार मंत्री और प्रधानमंत्री तक की गई, तब पोस्ट ऑफिस विजिलेंस भोपाल के तत्कालीन अधिकारी रवि माने ने 8 जुलाई 2016 को वर्माडांग पोस्ट ऑफिस और ग्राम बिलगांय में जांच की गई थी। इसी जांच की रिपोर्ट रामसेवक ने आरटीआई के तहत मांगी थी। पोस्ट ऑफिस के माध्यम से राशि गबन के मामले की जांच में विभाग द्वारा शुरुआत से ही ना-नुकुर की स्थिति सामने आ रही है। पोल खुलने के बाद वर्माडांग पोस्ट ऑफिस में तैनात शाखा डाक पाल अमीता मिश्रा को निलंबित किया गया था।
Created On :   16 April 2018 5:51 PM IST