IJR report : न्याय देने के मामले में अव्वल है अपना महाराष्ट्र, कायम रखी रैंकिंग 

IJR report: Maharashtra topped in justice delivery, maintained ranking
IJR report : न्याय देने के मामले में अव्वल है अपना महाराष्ट्र, कायम रखी रैंकिंग 
IJR report : न्याय देने के मामले में अव्वल है अपना महाराष्ट्र, कायम रखी रैंकिंग 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अदालतों में मुकदमों के निपटारे के मामले में महाराष्ट्र एक बार फिर पहले क्रमांक पर है। इंडियन जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर)  की हाल ही में प्रकाशित दूसरी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि न्याय देने में महाराष्ट्र ने अपनी बादशाहत कायम रखी है। जबकि तेलंगना अदालती फैसलों को लेकर अपनी रैंकिग में व्यापक सुधार कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। तेलंगना 2019 में 11 वें स्थान पर था। तमिलनाडू दूसरे स्थान पर है। केरला पांचवे स्थान पर है। आईजेआर मुख्य रुप से हर राज्य की न्याय देने की क्षमता में आनेवाले उतार चढ़ाव तथा वित्तीय व ढांचागत पहलू पर नजर रखता है। इसके लिए आईजीआर मानव संसाधन व बजट के ताजा आकड़ों का इस्तेमाल करता है। इस दौरान पुलिस, न्यायपालिका, जेल व विधि सेवा के कार्यों को देखा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक 25 राज्यों की जेल में कैदियों की संख्या बढ़ी है। विचाराधीन कैदियों का बढ़ा अनुपात इसकी बड़ी वजह मानी गई है। आईजेआर की रिपोर्ट के मुताबिक 36 में 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में जेलों की क्षमता से 50 प्रतिशत अधिक कैदी रखे जाते हैं। कई राज्यों में सरकार द्वारा मंजूर पदों में 25 प्रतिशत से अधिक पद पुलिस, जेल और विधि सेवा विभाग में रिक्त हैं। 

टाटा ट्रस्ट की पहल से कई संस्थाओं के सहयोग से यह रिपोर्ट तैयार की गई है। जिसमें दावा किया गया है कि 1995 से सिर्फ डेढ़े करोड़ लोगों को कानूनी सहायता मिली है। जबकि देश के 80 फीसदी लोग यह सहायता पाने के हकदार हैं। देशभर की जेलों में बंद दो तिहाई कैदी दोषी ठहराए जाने और बरी होने की बाट जोह रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस, न्यायपालिका, जेल विधि सेवा के कार्यों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, लेकिन यह बढ़ोतरी सिर्फ निचले स्तरों के पदों तक सीमित रह गई है। गुजरात इकलौता राज्य है, जहां साल 2020 में पुलिस, न्यायपालिका व जेल के सभी महकमों में महिलाओं की नियुक्ति में बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में निचली अदालतों में महिला न्यायाधीशों की संख्या बढ़ी है। लेकिन हाईकोर्ट में इस संख्या में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। आंध्रप्रदेश में हाईकोर्ट में महिला न्यायाधीशों की संख्या सार्वाधिक 19 प्रतिशत है। इसके बाद हरियाणा हाईकोर्ट में 18.2 प्रतिशत और तमिलनाडु हाईकोर्ट में 16.7 प्रतिशत है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन लोकुर का इस सिलसिले में कहना है कि न्याय देने को लेकर युद्ध स्तर पर प्रयास किया जाना चाहिए। हर राज्य को अपने लोगों को न्याय देने की व्यवस्था को प्रभावी व बेहतरीन बनाना चाहिए। रिपोर्ट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले एम. दारुवाला के मुताबिक न्याय तक सब की पहुंच सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसे में जब सुलभता से सभी को न्याय मिले, तभी कानून का राज कारगर तरीके से लागू हो पाएगा। 
      

आईजेआर रिपोर्ट  

राज्य                     रैंक                  रैंक
                            साल 2020       साल 2019
महाराष्ट्र                1                      1
तमिलनाडू              2                      3
तेलंगाना                3                     11
पंजाब                    4                      4
केरला                    5                      2
गुजरात                  6                      8
छत्तीसगढ              7                   10
झारखंड                  8                   16
हरियाणा                 9                    5
राजस्थान               10                 14
मध्य प्रदेश              16                  9
आंध्रा प्रदेश              12                13
त्रिपुरा                      1                   7
सिक्किम                 2                   2
गोवा                       3                   1
हिमाचल प्रदेश          4                   3
बिहार                     13               17

Created On :   29 Jan 2021 7:47 PM IST

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