हर महीने बिक रहा करोड़ों का अवैध कफ सिरप

Illegal cough syrup worth crores is being sold every month
हर महीने बिक रहा करोड़ों का अवैध कफ सिरप
हर महीने बिक रहा करोड़ों का अवैध कफ सिरप

नशे का गोरखधंधा - जबलपुर से रीवा, उमरिया, शहडोल, सतना के साथ आसपास के जिलों में हो रही स्मगलिंग
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
सर्दी, खाँसी और गले के इंफेक्शन की बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाला कफ सिरप नशे का बड़ा कारोबार बन गया है। सूत्रों के अनुसार शहर और ग्रामीण अंचलों के साथ रीवा, उमरिया, शहडोल, सतना के साथ आसपास के कई जिलों में जबलपुर से ही इस नशीले कफ सिरप की सप्लाई धड़ल्ले से हो रही है। जबलपुर में कफ सिरप बेचने वाले अनधिकृत रूप से हर महीने 2 लाख से ज्यादा बोतलें नशा करने वालों को उपलब्ध करा रहे हैं। जानकारों की मानें तो अवैध माल दिल्ली और इंदौर से स्मगलिंग करके जबलपुर लाया जाता है। 
ये है नियम7 जानकारों के अनुसार किसी भी कंपनी का कफ सिरप डॉक्टरों के अधिकृत पर्चे पर मरीजों को दिया जाता है। स्टॉकिस्ट से रिटेलर तक के लिए कफ सिरप की सप्लाई के ड्रग डिपार्टमेंट ने कड़े नियम बना रखे हैं। जिसके तहत एक-एक शीशी का बैच नंबर और बिलिंग का हिसाब ड्रग डिपार्टमेंट को दिया जाता है। आमतौर पर 100 एमएल की बोतल का दाम 120 से 130 रुपए होता है, लेकिन अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि इतनी बड़ी तादाद में कफ सिरप का अवैध कारोबार कहाँ से संचालित हो रहा है। 
संभ्रांत परिवारों के कई युवा बने आदी
सिरप के धंधे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि शराब महँगी होने के साथ इसके पीने से बदबू आती है, लेकिन कफ सिरप पीने से बदबू नहीं आती और नशा भी  शराब की तरह रहता है। इसलिए संभ्रांत परिवार के कई युवा इसका उपयोग कर रहे हैं। अवैध रूप में बिकने वाले कफ सिरप की एक शीशी की कीमत 150 से 175 रु. होती है।
ये हो सकते हैं साइड इफैक्ट 
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कफ सिरप में कैफीन नामक मादक पदार्थ मिला होता है, जिसका संतुलित मात्रा में उपयोग करने से गहरी नींद आती है। लेकिन इसका ज्यादा उपयोग करने से किडनी, लीवर और हार्ट में जानलेवा बीमारियाँ होने का खतरा बना रहता है। 
इनका कहना है
हमारा हमेशा ही यह प्रयास रहता है कि कफ सिरप का गैरकानूनी व्यापार न हो। अधिकृत दवा स्टॉकिस्ट और दवा विक्रेता डॉक्टर के पर्चे के बिना इस तरह की दवाएँ नहीं बेच सकते और ड्रग डिपार्टमेंट के नियमों पर ही सारा काम करते हैं। 
-चंद्रेश जैन, सचिव ड्रग एण्ड कैमिस्ट एसोसिएशन
 

Created On :   18 Jun 2021 10:08 AM GMT

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