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ग्रामीण क्षेत्रों में धधक रहे अवैध भट्टे, बढ़ा प्रदूषण - सीमेंट के लिए उपयोग होने वाले छतरपुर के पत्थरों को पकाने लगे प्लांट
डिजिटल डेस्क कटनी । जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में छतरपुर से आने वाले विशेष पत्थर को पकाने के लिए अवैध भट्टे धधक रहे हैं। जिससे उन क्षेत्रों में जमकर प्रदूषण फैल रहा है। पकाने के बाद यह पत्थर सीमेंट प्लांटों में सप्लाई किया जाता है। जिले में ऐसे दर्जनों ओपन भट्टे लगे हैं जिनका प्रदूषण नियंत्रण विभाग में भी कोई रिकार्ड नहीं है। बताया गया है कि रीठी तहसील के ग्राम धरमपुरा सगौनी में भी जंगल के बीच निजी जमीन पर ऐसा ही ओपन भट्टा चल रहा है। यहां छतरपुर जिले से आने वाले विशेष प्रकार के डाइस-4 पत्थर को पकाया जाता है। इसके बाद इसे सीमेंट प्लांट मेंं सप्लाई किया जाता है। बताया जाता है कि इस क्षेत्र में ऐसे कई भट्टे आबाद हैं। जिनसे प्रदूषण नियंत्रण विभाग अनजान बना है। नियमानुसार ऐसे भट्टों को पीसीबी से एनओसी जारी कराना चाहिए एवं बंद भट्टों में पत्थर पकाया जाना चाहिए लेकिन यहां बिना एनओसी के ही ओपन भट्टे धधक रहे हैं।
राइस मिल में नहीं लगा ईटीपी, दिया नोटिस
कटनी विकासखंड के ग्राम पड़ुआ के तालाब में राइस मिल का गंदा पानी छोडऩे की जांच में प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने एक और गड़बड़ी पकड़ी। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने पडुआ स्थित सुखसागर राइस मिल को ईटीपी लगाने के निर्देश दिए हैं। बिना ईटीपी राइस मिल का संचालन नहीं करने का नोटिस दिया है। पीसीबी के नोटिस के बाद भी बिना ईटीपी राइस मिल चल रही है। पीसीबी ने राइस मिल की राखड़ खुले में फेंकने, बैग फिल्टर की स्थापना नहीं करने एवं हाउस कीपिंग की बदहाली को भी संज्ञान में लिया है।
इनका कहना है
सीमेंट प्लांंट में लगने वाले पत्थर पकाने ओपन भट्टों की जांच कराई जाएगी। नियम विरुद्ध मिलने पर कार्यवाही होगी। राइस मिल का फिर से निरीक्षण कराया जाएगा। यदि नोटिस के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं मिलीं तो कार्यवाही होगी।
-डॉ.एस.पी.झा, क्षेत्रीय अधिकारी पीसीबी
Created On : 28 Jan 2021 12:14 PM