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आयुष्मान में अवैध वसूली, सौ से अधिक वेंडर आईडी सस्पेंड
डिजिटल डेस्क कटनी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्राइम प्रोजेक्ट पांच लाख तक मुफ्त इलाज की आयुष्मान योजना में भी कार्ड बनाने वालों ने गरीबों की जेब काटने में कोताही नहीं की। यह तो अच्छा था कि समय रहते जिम्मेदारों को लूटखसोट का पता लग गया और सौ से अधिक वेंडर्स की आईडी सस्पेंड कर दी। कामन सर्विस सेंटर द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में आयुष्मान योजना के परिचय पत्र बनाने इंटरनेट कैफे, कम्प्यूटर सेंटर संचालकों को आईडी दिया गया है ताकि वे हितग्राहियों का पंजीयन कर सकें। कार्ड जनरेट होने पर रंगीन परिचय पत्र बनाकर देने का शुल्क 30 रुपये निर्धारित किया गया है। जिसमें से आठ रुपये पोर्टल फीस शासन के खाते में जमा हो जाती है। इस तरह एक वेंडर को प्रत्येक कार्ड में 22 रुपये बचते हैं। बताया गया है कि शहरी क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड बनाने में 50 से सौ रुपये तक वसूलने की शिकायतें कामन सर्विस सेंटर तक पहुंची। शिकायतों की तस्दीक की गई तो वह सही निकलीं।
अनाधिकृत लोगों को सौंपी आईडी
बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र में जिन लोगों को सीएससी ई-गर्वनेंस द्वारा आईडी दी गई है उन्होने कमीशन के चक्कर में ऐसे लोगों को आईडी दे दी जो अधिकृत नहीं हैं। ऐसे लोग गांव-गांव जाकर आयुष्मान का पंजीयन कर ग्रामीणों से मनमानी वसूली करने लगे। चंूकि अब बैंक अकाउंट भी आधार से लिंक हो चुके हैं और आए दिन होने वाले फ्रॉड की घटनाओं ने अधिकारियों को भी चौंका दिया। तब सीएससी ई-गर्वनेंस ने अनाधिकृत व्यक्तियों से आपरेटिंगकराने वाले वेंडर की आईडी सस्पेंड कर दी।
इनका कहना है
आयुष्मान कार्ड बनाने में अवैध वसूली की शिकायतें मिली थीं। अनाधिकृत व्यक्तियों से आईडी आपरेट कराने की जानकारी सामने आने पर शहरी क्षेत्र केएक सौ से अधिक वेंडर की आईडी सस्पेंड की गई है। क्योंकि दूसरे जिलों में बैंक फ्रॉड के मामले भी सामने आ चुके हैं। पंजीयन में आधार नम्बर आवश्यकहोता है और सभी के बैंक खाते आधार से लिंक हैं।
-उपेन्द्र त्रिपाठी, जिला प्रबंधक सीएससी ई-गर्वनेंस
Created On :   7 Feb 2020 3:28 PM IST