भगवान भरोसे विसर्जन : मंडल और लोगों पर छोड़ी जिम्मेदारी, कृत्रिम टैंक भी नहीं खरीदे

भगवान भरोसे विसर्जन : मंडल और लोगों पर छोड़ी जिम्मेदारी, कृत्रिम टैंक भी नहीं खरीदे
भगवान भरोसे विसर्जन : मंडल और लोगों पर छोड़ी जिम्मेदारी, कृत्रिम टैंक भी नहीं खरीदे

डिजिटल डेस्क, नागपुर।10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। शनिवार को सादगी से घरों में और सार्वजनिक स्थानों पर गणेशजी की स्थापना की गई है। इसके साथ ही रविवार से डेढ़ दिन के गणेश जी। फिर पांच दिन और 10 दिन के गणेशजी के विसर्जन की शुरुआत हो जाएगी। फिलहाल मनपा की विसर्जन को लेकर अपर्याप्त तैयारी नजर आ रही है। अभी तक न यह तय किया है कि कितनी जगहों पर कृत्रिम टैंक लगेंगे और न अभी तक टैंक की खरीदी करने की प्रक्रिया की गई है। बड़ी वजह यह है कि मनपा ने इस बार लोगों पर इसकी जिम्मेदारी छोड़ दी है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए गणेश भक्तों से आह्वान किया गया है कि वे घरों के गणेश घर मेंे विसर्जित करें और मंडलों से अपने स्थानों पर 4 फीट का ड्रम या टैंक की व्यवस्था कर विसर्जन करने को कहा गया है। ऐसे में मनपा शहर के सीमित हिस्सों में ही विसर्जन के लिए कृत्रिम टैंक या तालाब की व्यवस्था करेगी। आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा गया है कि इस बार कृत्रिम टैंक व तालाबों की संख्या कम होगी। जिस कारण जानकार शहर में विसर्जन के अंतिम दिन व्यवस्था तितर-बितर होने की आशंका जता रहे हैं।

252 टैंक में 2.60 लाख मूर्तियों का विसर्जन

पिछले साल मनपा ने शहर में छोटे बड़े 252 कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था की थी। इसमें करीब 2 लाख 60 हजार मूर्तियों का विसर्जन किया गया था। फिलहाल शहर में इस बार कितने टैंक लगेंगे, ये अभी तक तय नहीं किया गया। जिसकारण शहर में असमंजस की स्थिति बन गई है। किसी तालाब की अभी तक बैरिकेडिंग नहीं की गई। मनपा ने सभी तालाबों को विसर्जन के लिए बंद करने का निर्णय लिया है, लेकिन अभी तक किसी भी तालाब की बैरिकेडिंग नहीं की गई। इसका असर गणेशोत्सव के पहले दिन फुटाला तालाब पर देखने मिला। लोग वहां भीड़ में तीज को तालाब में विसर्जित करते दिखे बल्कि जिनकी गणेश मूर्तियां किसी कारण से खंडित हो गई थीं, वे भी अपनी मूर्तियों को फुटाला तालाब में विसर्जित करने पहुचे थे। उन्हें रोकने वाला वहां कोई नहीं था। हालांकि मनपा ने फुटाला के दो कोनों में एक-एक टैंक लगाए थे, लेकिन लोग टैंक छोड़ सीधे तालाब में विसर्जन की प्रक्रिया निपटा रहे थे।संजय निपाने, अतिरिक्त आयुक्त, मनपा के मुताबिक विसर्जन को लेकर सभी जोन स्तर पर दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। घर की मूर्तियों का विसर्जन घर में करना है। सार्वजनिक मंडलों को 4 फीट के ड्रम की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसलिए कृत्रिम टैंक व तालाबों की संख्या इस बार कुछ पैमाने पर कम होगी। विसर्जन को लेकर सभी तरह की तैयारी शुरू है। 

गणपति बप्पा मोरया... के जयघोष के बीच गणेश जी का आगमन

गणेश चतुर्थी पर शनिवार को गणनायक गणेश जी की स्थापना के साथ ही गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई। "गणपति बप्पा मोरया" के गगनभेदी जयघोष के बीच गणराया पंडालों से लेकर घरों में विराजे, लेकिन इस बार न ढोल-ताशे की गूंज थी, न ही सड़कों पर भक्ति में झूमते श्रद्धालु, लेकिन उत्साह कायम था। गणेश जी निर्माण स्थल महल स्थित चितार ओली सुबह से देर रात तक "गणपति बप्पा मोरया" के जयघोष से गूंजता रहा। बंदिशों के बावजूद भक्तों में उत्साह  था।  गणेश जी की प्रतिमा ले जाने के लिए सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडलों के कार्यकर्ताओं के अलावा घरों में गणपति स्थापना के लिए लोग पहुंचे। कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश के अनुसार सार्वजनिक गणेश मंडल 4 फीट से ऊंची प्रतिमा स्थापित नहीं कर सकते। गणेश जी को लाने के लिए पांच से अधिक लोगों पर बंदिश के कारण पहले जैसी भीड़ नजर नहीं आई, वरना रास्ता जाम हो जाता था। 4 फीट की प्रतिमा स्थापना के निर्देश के कारण कई सार्वजनिक मंडलों ने इस वर्ष गणेश जी स्थापना ही नहीं की। नागपुर की शान "नागपुर का राजा" की स्थापना इस वर्ष तुलसीबाग में नहीं की गई।
 

 

Created On :   23 Aug 2020 4:49 PM IST

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