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आदिवासी इलाकों में अच्छे डॉक्टरों की कमी पूरी करने हो लागू, राज्य सरकार से जवाब तलब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य आदिवासी इलाकों में कुशल डाक्टरों की कमी के मद्देनजर बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पीजी) के दाखिले में सरकारी नौकरी में सेवारत डाक्टरों के लिए ‘इन सर्विस कोटा’ प्रदान करने के मुद्द पर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट में डा सूर्यकांत लोंढे व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मुख्य रुप से साल 2021 के पीजी एडमिशन में सरकारी नौकरी में सेवारत डाक्टरों के लिए ‘इन सर्विस कोटा’ प्रदान करने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता वीएम थोरात ने कहा कि साल 2017 से पहले पीजी मेडिकल के प्रवेश में इन सर्विस कोटा का प्रावधान था। इसे दोबारा कायम करने के लिए 30 सितंबर 2021 को मंत्रालय एक बैठक हुई थी। श्री थोरात ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार ‘इन सर्विस कोटा’ को दोबारा लागू करना तय किया गया है। इसलिए मेरे मुव्विकल की मांग है कि सरकार के इस निर्णय को जल्द लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला काफी समय से प्रलंबित है।
फिलहाल लागू करना व्यवहारिक नहीं
वहीं राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि साल 2021-22 के पीजी कोर्स के दाखिले की प्रवेश प्रक्रिया करीब-करीब अंतिम पडाव पर है। ऐसे में इसमें बदलाव कर ‘इन सर्विस कोटा’ प्रदान करना व्यवहारिक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस विषय पर राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई है। इस बैठक में तय किया गया है कि मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद ‘इन सर्विस कोर्ट’ के बारे में उचित नीति बनाई जाएगी। फिलहाल राज्य के दूर-दराज व दुर्गम इलाकों में काम करनेवाले डाक्टरों के लिए इनसेंटिव अंक देने का प्रावधान किया गया है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने कहा कि आदिवासी इलाकों में कुशल डाक्टरों की कमी के मुद्दे को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं। इसके मद्देनजर राज्य सरकार इस याचिका पर हलफनामा दायर करे। खंडपीठ ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   7 Feb 2022 7:58 PM IST