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90 % मामलों में जानपहचान के ही होते हैं रेपिस्ट, प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट का दावा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में दर्ज हुए बलात्कार के 69 मामलों में शिकार नाबालिग बच्चियां रहीं हैं यही नहीं 90 फीसदी मामलों में लड़कियों की जान पहचान वालों ने ही इन वारदातों को अंजाम दिया है। प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2014-15 से साल 2018-19 तक छेड़छाड़ के मामले 22 फीसदी जबकि यौन उत्पीड़न के मामले 51 फीसदी बढ़े हैं। प्रजा फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी निताई मेहता ने गुरूवार को रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच मुंबई में बलात्कार के कुल 784 मामले दर्ज हुए। उनमें से 540 मामलों में अपराधियों की शिकार नाबालिग लड़कियां हुईं। इस दौरान महानगर में छेड़छाड़ के भी 2533 मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट के मुताबिक बलात्कार के मामलों में सिर्फ 54 ऐसे थे जिनमें अपराधी और पीड़िता के बीच जान पहचान नहीं थी। 284 मामलों में बलात्कार करने वाले पीड़िता के दोस्त, प्रेमी या सोशल मीडिया फ्रेंड थे। 39 मामलों में आरोपी परिवार के करीबी थे जबकि 14 मामलों में लड़कियों के परिवार वालों ने ही उनके साथ बलात्कार किया। पाक्सो कानून के तहत दर्ज 527 मामलों में से 473 मामलों में पीड़ित लड़कियां आरोपियों की पहचानतीं थीं।
मेहता ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह सिर्फ कानून व्यवस्था नहीं बल्की सामाजिक समस्या है और हमें बच्चियों को ऐसे अपराधों के प्रति जागरूक करना होगा। प्रजा फाउंडेशन ने सर्वे के दौरान जिन 22845 मुंबईकरों से बातचीत की उनमें से 28 फीसदी ने माना कि उन्होंने अपराध होते हुए देखा लेकिन उनमें से 59 फीसदी लोगों ने पुलिस से इसकी शिकायत नहीं की। 27 फीसदी ने बताया कि वे खुद अपराध का शिकार हुए लेकिन उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से नहीं की। इसके अलावा साल 2017 में दर्ज किए गए कुल 228635 मामलों में से 93 फीसदी मामलों की सुनवाई साल 2019 के मार्च महीने तक प्रलंबित थी। इसके अलावा महानगर में 41 फीसदी असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टरों, 28 फीसदी पुलिस सब इंस्पेक्टरों और 15 फीसदी सेशन कोर्ट न्यायधीशों की भी कमी है।
Created On :   21 Nov 2019 8:27 PM IST